Font by Mehr Nastaliq Web

समाज पर कविताएँ

थोड़ी धरती पाऊँ

सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

बुरे समय में नींद

रामाज्ञा शशिधर

लोकतंत्र का समकालीन प्रमेय

जितेंद्र श्रीवास्तव

मछली-बाज़ार में

युमनाम मंगीचंद्र

मछली

विलियम बटलर येट्स

दस के पाँच नोट

अतुल तिवारी

भद्रता

येव्गेनी येव्तुशेंको

कनॉट प्लेस

जगदीश चतुर्वेदी

बहुरूपिया

विंदा करंदीकर

कौन ज़मीन का धणी?

कन्हैयालाल सेठिया

असर

अमिताभ

शराफ़त के पुल

अतिया दाऊद

माहवारी

दामिनी यादव

पानी

नामदेव ढसाल

मृतक के लिए प्रार्थना

सर्गेई येसेनिन

अग्नि-दीक्षा

टी. एस. एलियट

जोखिम

अमित तिवारी

फिर एक शाम

अपूर्वा श्रीवास्तव

बेदख़ल

कुमार मंगलम

चुप्पी का समाजशास्त्र

जितेंद्र श्रीवास्तव

क़द बढ़ता जाता है

आश्लेषा महाजन

अर्ज़ी

रमाशंकर सिंह

तुम्हारे आलिंगन में

अपूर्वा श्रीवास्तव

चम्मच

कुमार वीरेंद्र

मँगरा कीड़ा

चंद्रेश्वर

हम दोनों

कौशल किशोर

कविता क्या होती है...

राजदीप सिंह इंदा

बागी

तृषान्निता

सोचो एक दिन

हरे प्रकाश उपाध्याय

रोटी

प्रवीण गढ़वी

महज़ सात वर्षों की उमर में

अपूर्वा श्रीवास्तव

तुम आना

पवन चौहान

अनपढ़ औरत

आलोक रंजन

चूल्हे

संजीव कौशल

संबंधित विषय