आई लाईक यू दो आई हेट यू: मंटो
मंटो मेरा दुश्मन समझा जाता था। हममें काफ़ी नोक-झोंक रहती थी और इसमें कोई संदेह नहीं कि जब तक हम साथ-साथ रहे, हमने एक-दूसरे को बड़ी कड़ी चोटें पहुँचाई। ‘कुतुब पब्लिशर्स बंबई’ ने एक पुस्तक माला निकाली थी—‘नए अदब के मेमार, उसमें उर्दू के लेखकों ने एक-दूसरे