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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

माफ़िया और राजनीतिक गलियारों में खेले जाने वाले शह और मात के खेल की कहानी

 

पेशेवर कामयाबी का सबसे ख़राब बाई-प्रॉडक्‍ट यही है कि यह आपको उन सब चीज़ों से दूर कर देती है, जो आपको सबसे ज़्यादा ख़ुशी देती हैं। मेरे मामले में यह चीज़ किताबें पढ़ना है। जब भी वक़्त मिलता है, एक नई क

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04 नवम्बर 2024

आज का उद्धरण

कवि कह गया है

अधिकतर अज्ञानता के सुख-दुःख की आदत थी। ज्ञान के सुख-दुःख बहुतों को नहीं मालूम थे। जबकि ज्ञान असीम अटूट था। ज्ञान सुख की समझ देता था पर सुख नहीं देता था।

आज का रचनाकार

रचनाकार का समय और समय का रचनाकार

सियारामशरण गुप्त

द्विवेदीयुगीन कवि। हिंदी की गांधीवादी राष्ट्रीय धारा के प्रतिनिधि कवि के रूप में समादृत।

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