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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

15 नवम्बर 2025

‘प्रतीक और बिंब का गुम्फित होना’

‘प्रतीक और बिंब का गुम्फित होना’

इस आलेख-शृंखला से संबंधित दो आलेख—अनुभूति की शुद्धता का सवाल और महान् कविताओं के बिंब कैसे होते हैं!—आप पहले पढ़ चुके हैं। अब पढ़िए यह तीसरा आलेख : आज बड़ी शानदार सुबह थी। यूनिवर्सिटी की सड़क बारिश म

15 नवम्बर 2025

प्रतिउत्तर : ‘नाकर्दा गुनाहों की भी हसरत की मिले दाद’

प्रतिउत्तर : ‘नाकर्दा गुनाहों की भी हसरत की मिले दाद’

शिवमूर्ति जी ने ‘अगम बहै दरियाव’ पर मेरी आलोचना देखकर एक प्रतिलेख लिखा है और ग़ालिब की यह मनःकामना मेरे हित में पूरी कर दी : नाकर्दा गुनाहों की भी हसरत की मिले दाद या रब! अगर इन कर्दा गुनाहों क

15 नवम्बर 2025

प्रतिलेख : ‘अगम बहै दरियाव’ पर वागीश शुक्ल की आलोचना के बारे में कुछ तथ्य

प्रतिलेख : ‘अगम बहै दरियाव’ पर वागीश शुक्ल की आलोचना के बारे में कुछ तथ्य

गत 6 अक्टूबर को ‘बेला’ पर ‘अगम बहै दरियाव’ (शिवमूर्ति, राजकमल प्रकाशन, द्वितीय संस्करण : 2024, पृष्ठ 560-561) पर वागीश शुक्ल का एक आलोचनात्मक आलेख प्रकाशित हुआ। इसे पढ़कर शिवमूर्ति ने अपना पक्ष रखा है

14 नवम्बर 2025

अँगूठा मेहनत कर रहा है, दिमाग़ आराम!

अँगूठा मेहनत कर रहा है, दिमाग़ आराम!

सड़क के किनारे फ़ुटपाथ पर लेटा बूढ़ा व्यक्ति लगातार खाँस रहा है। बग़ल में बैठा जवान बेटा हथेली पर खैनी ठोंकते हुए खाना बनने का इंतज़ार कर रहा है। चेस-नुमा शरीर के साथ अधनंगा एक छोटा बच्चा खेल रहा है।

13 नवम्बर 2025

इस बार शांतिनिकेतन में होगा ‘संगमन’

इस बार शांतिनिकेतन में होगा ‘संगमन’

वर्ष 1993 में कानपुर से शुरू हुआ रचनात्मक व बौद्धिक हस्तक्षेप के सहकारी उपक्रम ‘संगमन’ का 26वाँ आयोजन देश के विभिन्न राज्यों से गुज़रता हुआ इस बार शांतिनिकेतन (पश्चिम बंगाल) में हो रहा है। तारीख़ें हैं

13 नवम्बर 2025

जन्मतिथि विशेष : मुक्तिबोध : आत्मा के मित्र को स्नेहांजलि

जन्मतिथि विशेष : मुक्तिबोध : आत्मा के मित्र को स्नेहांजलि

यह सभा एक बंधु के निधन पर एक कवि के अपने रचना-क्षेत्र हो उठ जाने पर, दुःख प्रकट करने और शोक-संतप्त परिवार को हम सबकी संवेदना पहुँचाने के लिए एकत्र हुई है। बंधु की स्मृति से अभिभूत हो जाना स्वाभाविक ह

12 नवम्बर 2025

केवल नाम के बूढ़े आदमी द्वारा बनाए गए ‘सत्तावन’ प्रसिद्ध बहाने

केवल नाम के बूढ़े आदमी द्वारा बनाए गए ‘सत्तावन’ प्रसिद्ध बहाने

जो लोग सफल नहीं होते हैं, उनमें आम तौर पर एक ख़ास विशेषता होती है। उन्हें विफलता के सभी कारणों का पता होता है और वे उपलब्धि की अपनी कमी के स्पष्टीकरण के लिए विश्वस्त ठोस बहाने बनाते हैं। इन बहानों में

12 नवम्बर 2025

एक बैग की चोरी

एक बैग की चोरी

अभी-अभी, मुझे रात के क़रीब 8:30 बजे एक फ़ोन कॉल आया। दिल्ली की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे मेरे एक घनिष्ठ मित्र ने घबराए हुए स्वर में बताया, “भैया, मेरा बैग चोरी हो गया है! क्लासरूम से ग़ायब!” यह सुनत

11 नवम्बर 2025

पाप से अछूती देवी नहीं, करुणा से पवित्र हुई पापिनी!

पाप से अछूती देवी नहीं, करुणा से पवित्र हुई पापिनी!

सोन्या! वह जैसे ‘क्राइम एंड पनिशमेंट’ के उजाड़ नैतिक दृश्य से एक विसंगति रखती है। वह किसी आदर्श प्रतिमा की तरह नहीं गढ़ी गई है, बल्कि एक जीवित विडंबना है। कैसी स्त्री जो अँधेरे में दीप्त होती है!

10 नवम्बर 2025

लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई : विनाशकारी भविष्य की आहटों को सुनने वाला लेखक

लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई : विनाशकारी भविष्य की आहटों को सुनने वाला लेखक

लास्ज़लो क्रास्ज़्नाहोरकाई साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले दूसरे हंगेरियन लेखक हैं। उनसे पहले यह सम्मान दिवंगत इमरे केर्तेश (Imre Kertész) (1929 –2016) को मिला था, जिनकी हंगरी के बाहर