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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

08 अप्रैल 2025

‘कथ्य-शिल्प : दो बिछड़े भाइयों की दास्तान’

‘कथ्य-शिल्प : दो बिछड़े भाइयों की दास्तान’

शिल्प और कथ्य जुड़वाँ भाई थे! शिल्प और कथ्य के माता-पिता कोरोना के क्रूर काल के ग्रास बन चुके थे। दोनों भाई बहुत प्रेम से रहते थे। एक झाड़ू लगाता था एक पोंछा। एक दाल बनाता था तो दूसरा रोटी। इसी तरह

07 अप्रैल 2025

उसी के पास जाओ जिसके कुत्ते हैं

उसी के पास जाओ जिसके कुत्ते हैं

मुझे पता भी नहीं चला कि कब ये कुत्ते मेरे पीछे लग गए। जब पता चला तो मैं पसीने-पसीने हो गया। मैंने कहीं पढ़ा था कि अगर कुत्ते पीछे पड़ ही जाएँ तो एकदम से भागना ख़तरनाक होता है। आप कुत्तों से तेज़ कभी नह

06 अप्रैल 2025

क्या एडम और ईव ब्लैक थे?

क्या एडम और ईव ब्लैक थे?

‘क्या एडम और ईव ब्लैक थे?’ इन सात शब्दों का गल्प और यथार्थ से गहरा संबंध है और इसे मैं वैसे ही साबित करूँगा जैसे नौंवी कक्षा में हमसे यह सिद्ध करवाया जाता था कि √2 (रूट टू) एक अपरिमेय (Irrational)

06 अप्रैल 2025

रविवासरीय : 3.0 : एक सुझाववादी का चाहिएवाद

रविवासरीय : 3.0 : एक सुझाववादी का चाहिएवाद

• ‘नये शेखर की जीवनी’ शीर्षक कथा-कृति के प्रथम खंड में इन पंक्तियों के लेखक ने एक ऐसे समीक्षक का वर्णन किया है; जिसके कमरे में केवल वे ही किताबें थीं, जिनकी उसने समीक्षाएँ की थीं। यह कुछ-कुछ वैसा ही

05 अप्रैल 2025

शोक स्थायी है

शोक स्थायी है

मैं कितना अपढ़ और अहंकारी हुआ जाता हूँ, इसका भान भी पढ़ने और जीने से ही आता है। आजकल ऐसा लगता है कि मैं अपने आप को ही पसंद नहीं आ रहा हूँ। जीवन की अपनी मुश्किलें हैं और आपसे सबकी अपेक्षाएँ भी,

03 अप्रैल 2025

दास्तान-ए-गुरुज्जीस

दास्तान-ए-गुरुज्जीस

एम.ए. (दूसरे साल) के किसी सेमेस्टर में पाठ्यक्रम में ‘श्रीरामचरितमानस’ पढ़नी थी। अब संबंध ऐसे घर से था—जहाँ ‘श्रीरामचरितमानस’ और ‘श्रीदुर्गासप्तशती’ पूजा-पाठ के क्रम में पढ़ने के साथ ही, बुज़ुर्गों द

02 अप्रैल 2025

कहानी यहाँ से शुरू होती है

कहानी यहाँ से शुरू होती है

‘‘सलाम करके गुज़रता था जिस मज़ार को मैं’’ उसने काग़ज़ पर ये मिसरा लिखा और शाइर का नाम सोचने लगा। कुछ देर बाद उसने ये वाक्य : ‘‘अंत ही आरंभ है…’’ लिखा और काट दिया। फिर एक लंबी बुत-नुमाई के बाद कुफ़्र

02 अप्रैल 2025

'दुपहिया' की डायरेक्टर सोनम नायर से बातचीत

'दुपहिया' की डायरेक्टर सोनम नायर से बातचीत

गए दिनों अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ हुई एक वेब सीरीज़—‘दुपहिया’। सोशल मीडिया में इस सीरीज़ को लेकर ख़ासी चर्चा हो रही है। काल्पनिक बिहार में काल्पनिक रूप से अपराधमुक्त काल्पनिक गाँव धड़कपुर पर आधा

01 अप्रैल 2025

विश्वनाथ शर्मा ‘विमलेश’ से सुरेंद्र शर्मा तक

विश्वनाथ शर्मा ‘विमलेश’ से सुरेंद्र शर्मा तक

उनका पूरा नाम विश्वनाथ शर्मा ‘विमलेश’ था। ‘विमलेश राजस्थानी’ भी उन्हें कहा जाता था और कवियों के बीच वह विमलेशजी के नाम से मशहूर थे। विमलेशजी की चार लाइनों और उनके पढ़ने की नक़ल करने वाले सुरेंद्र शर

30 मार्च 2025

रविवासरीय : 3.0 : एक समय की बात है और नहीं भी...

रविवासरीय : 3.0 : एक समय की बात है और नहीं भी...

• गत ‘रविवासरीय’ पढ़कर मेरे बचपन के दोस्त अनूप सोनकर ने कानपुर से मुझे फ़ोन पर एक कहानी सुनाई। उसे भी नहीं पता कि यह कहानी उसने कहाँ से अपने ज़ेहन में उतारी और मुझे भी यह अनसुनी-अनपढ़ी लगी! आइए इसे पढ़ते