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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

08 अक्तूबर 2025

‘बल के बारे में’

‘बल के बारे में’

श्रम काग़ज़ है। कर्म हस्ताक्षर। व्यक्ति को अपना काम करना चाहिए। मेहनत से। ईमानदारी से। समर्पण से। सजगता के साथ और अद्यतन कर्मठता से। लेकिन कर्म करने से पहले चुनाव करना ही चाहिए कि कौन-सा काम करने योग्य

07 अक्तूबर 2025

भाषा में पसरती जा रही मुर्दनी

भाषा में पसरती जा रही मुर्दनी

लेखक-पत्रकार प्रियदर्शन द्वारा अरुंधती राय की नई पुस्तक ‘मदर मेरी कम्स टु मी’ की भूमिका को संदर्भ में रखते हुए लिखा गया एक संक्षिप्त लेख पढ़ा, जिसमें यह बात कही गई कि हमारी भाषा अब स्थिर हो रही है। व

07 अक्तूबर 2025

क्या आप भी रील-रोग से ग्रस्त हैं?

क्या आप भी रील-रोग से ग्रस्त हैं?

रील-रोग से ग्रस्त और कुछ-कुछ कुपित एक रीलर-इन्फ़्लुएंसरों मित्र ने बेहद ऊबकर मुझसे पिछले दिनों कोई किताब पढ़ने की जिज्ञासा व्यक्त की। उन्हें शुरुआत करने में मुश्किल आ रही थी। मित्र पूरब के निवासी हैं,

07 अक्तूबर 2025

रविशंकर उपाध्याय स्मृति युवा कविता पुरस्कार-2026 के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित

रविशंकर उपाध्याय स्मृति युवा कविता पुरस्कार-2026 के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित

रविशंकर उपाध्याय स्मृति संस्थान ने कवि रविशंकर उपाध्याय की स्मृति में प्रत्येक वर्ष दिए जाने वाले पुरस्कार—‘रविशंकर उपाध्याय स्मृति युवा कविता पुरस्कार 2026’ के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित की हैं। 

06 अक्तूबर 2025

अगम बहै दरियाव, पाँड़े! सुगम अहै मरि जाव

अगम बहै दरियाव, पाँड़े! सुगम अहै मरि जाव

एक पहलवान कुछ न समझते हुए भी पाँड़े बाबा का मुँह ताकने लगे तो उन्होंने समझाया : अपने धर्म की व्यवस्था के अनुसार मरने के तेरह दिन बाद तक, जब तक तेरही नहीं हो जाती, जीव मुक्त रहता है। फिर कहीं न

04 अक्तूबर 2025

रामचंद्र शुक्ल, हिंदी शब्दसागर और नागरीप्रचारिणी सभा

रामचंद्र शुक्ल, हिंदी शब्दसागर और नागरीप्रचारिणी सभा

आज हिंदी के शीर्षस्थ आलोचक और साहित्य के इतिहासकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल की जयंती है। काशी नागरीप्रचारिणी सभा शुक्लजी की आलोचना की जन्मभूमि है। 1908 से 1930—लगातार 28 वर्षों तक वह ‘सभा’ की ऐतिहासिक प

02 अक्तूबर 2025

रामलीला तेरी याद में नैन हुए बेचैन

रामलीला तेरी याद में नैन हुए बेचैन

नब्बे के दशक के उतरते साल थे। न केबल टीवी गाँव पहुँचा था, न फ़ोन। बिजली पहुँच तो गई थी, पर अक्सर ग़ायब ही रहती थी। न उसके आने का कोई नियम था, न जाने का। लोग भी बिजली पर पूरी तरह आश्रित नहीं थे और न ह

02 अक्तूबर 2025

स्कूली निबंधों में महात्मा गांधी

स्कूली निबंधों में महात्मा गांधी

गांधी-जयंती आ रही है। बचपन में हमारे पाठ्यक्रम का बड़ा अहम हिस्सा रहे हैं बापू। स्कूल में गाय-भैंस, सहेला-सहेली, माता-पिता, नानी-दादी के घर पर बिताई छुट्टियाँ, रेलगाड़ी का सफ़र, बसंत-बरसात आदि की तरह

30 सितम्बर 2025

शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी और ‘फ़ानी बाक़ी’

शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी और ‘फ़ानी बाक़ी’

आज का दिन मेरे महबूब शहर इलाहाबाद के महबूब साहित्यकार और आलोचक शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी की जन्मतिथि है। वह आसमां में चमकते हुए तारों में से एक हैं, जिसे मैं आज के दिन देखना चाहता हूँ। इलाहाबाद के साहित्

30 सितम्बर 2025

लिखने का ठिकाना

लिखने का ठिकाना

उस्ताद का बैठकख़ाना और लिखने का ठिकाना उर्दू के प्रसिद्ध आलोचक और उपन्यासकार शम्सुर्रहमान फ़ारूक़ी के बैठकख़ाने, लाइब्रेरी और पढ़ने की जगह का यह स्केच उनकी नातिन तज़मीन ने अठारह बरस पहले बनाया था।