Font by Mehr Nastaliq Web

बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

08 नवम्बर 2024

‘छठ, शारदा सिन्हा और ये वैधव्य के नहीं विरह के दिन थे...’

‘छठ, शारदा सिन्हा और ये वैधव्य के नहीं विरह के दिन थे...’

मुझे ख़ूब याद है जब मेरी दादी गुज़र गई थीं! वह सुहागिन गुज़री थीं। उनकी मृत्यु के समय खींची गईं तस्वीरों में एक तस्वीर ऐसी है कि देखकर बरबस रोना आता है। पीयर (पीली) दगदग गोटेदार पुतली साड़ी में लिपटी

06 नवम्बर 2024

फूल की थरिया से छिटकती झनकार की तरह थीं शारदा सिन्हा!

फूल की थरिया से छिटकती झनकार की तरह थीं शारदा सिन्हा!

कहते हैं फूल की थरिया को लोहे की तीली से गर छेड़ दिया जाए तो जो झनकार निकलेगी वह शारदा सिन्हा की आवाज़ है। कोयल कभी बेसुरा हो सकती है लेकिन वह नहीं! कातिक (कार्तिक) में नए धान का चिउड़ा महकता है। शार

06 नवम्बर 2024

शारदा सिन्हा : ‘हमरा के कहाँ छोड़ले जाइछी रे गवनवा...’

शारदा सिन्हा : ‘हमरा के कहाँ छोड़ले जाइछी रे गवनवा...’

‘अपने त जाय छी प्रभु देस रे बिदेसवा से, हमरा के...’  पर कहाँ जा पाएँगी इस देस से? काश ‘घोड़ा के लगमवा’ थाम के रोका जा सकता। काश ‘सँईया कलकतवा से’ आ सकते। किसे कहेंगे इस महादेस के मन की आवाज़ अब; ठीक

31 अक्तूबर 2024

रोशनी की प्रजाएँ

रोशनी की प्रजाएँ

दीपावली अर्थात् नन्हे-नन्हे दीपकों का उत्सव। रोशनी के नन्हे-नन्हे बच्चों का उत्सव! ‘जब सूर्य-चंद्र अस्त हो जाते हैं तो मनुष्य अंधकार में अग्नि के सहारे ही बचा रहता है।’ ‘छान्दोग्य उपनिषद्’ के ऋषि का

24 अक्तूबर 2024

अर्थ की खोज में हम भटक जाते हैं, सारे सफल-असफल प्रयास मेरी प्रेरणा हैं

अर्थ की खोज में हम भटक जाते हैं, सारे सफल-असफल प्रयास मेरी प्रेरणा हैं

हान कांग (जन्म : 1970) दक्षिण कोरियाई लेखिका हैं। वर्ष 2024 में, वह साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली दक्षिण कोरियाई लेखक और पहली एशियाई लेखिका बनीं। नोबेल से पूर्व उन्हें उनके उपन

21 अक्तूबर 2024

आद्या प्रसाद ‘उन्मत्त’ :  हमरेउ करम क कबहूँ कौनौ हिसाब होई

21 अक्तूबर 2024

आद्या प्रसाद ‘उन्मत्त’ : हमरेउ करम क कबहूँ कौनौ हिसाब होई

आद्या प्रसाद ‘उन्मत्त’ अवधी में बलभद्र प्रसाद दीक्षित ‘पढ़ीस’ की नई लीक पर चलने वाले कवि हैं। वह वंशीधर शुक्ल, रमई काका, मृगेश, लक्ष्मण प्रसाद ‘मित्र’, माता प्रसाद ‘मितई’, विकल गोंडवी, बेकल उत्साही, ज

15 अक्तूबर 2024

महाप्राण निराला की आख़िरी तस्वीरें

महाप्राण निराला की आख़िरी तस्वीरें

महाप्राण! आज 15 अक्टूबर है। महाप्राण निराला की पुण्यतिथि। 1961 की इसी तारीख़ को उनका निधन हुआ था। लेकिन निराला अमर हैं। उनका मरणोत्तर जीवन अमिट है। उनकी शहादत अमर है। उनका अंत नहीं हो सकता। उन्ह

14 अक्तूबर 2024

देवदासी प्रथा : धर्म का नशा और दासी स्त्रियों का जीवन

देवदासी प्रथा : धर्म का नशा और दासी स्त्रियों का जीवन

यह सुदूर दक्षिण का उत्तरी इलाक़ा है। प्रकृति इतनी मेहरबान कि आँखों के आगे से पल भर के लिए भी हरियाली नहीं हटती। मुझे देश को समझने की तड़प और भटकन ने यहाँ लाकर पटका है। किताबों में जब पहली बार गाँव के

05 अक्तूबर 2024

आचार्य रामचंद्र शुक्ल की आख़िरी तस्वीरें

आचार्य रामचंद्र शुक्ल की आख़िरी तस्वीरें

दाह!  ये सभी चित्र सफ़ेद रंग के एक छोटे-से लिफ़ाफ़े में रखे हुए थे, जिस पर काली सियाही से लिखा हुआ था—दाह। पिछले 83 सालों से इन चित्रों को जाने-अनजाने बिला वजह गोपनीय बनाकर रखा गया और धीरे-धीरे

02 अक्तूबर 2024

हे राम : दास्तान-ए-क़त्ल-ए-गांधी

हे राम : दास्तान-ए-क़त्ल-ए-गांधी

जिससे उम्मीदें-ज़ीस्त थी बाँधी ले उड़ी उसको मौत की आँधी गालियाँ खाके गोलियाँ खाके मर गए उफ़्फ़! महात्मा गांधी! — रईस अमरोहवी  एक दिल्ली में वह मावठ का दिन था। 30 जनवरी 1948 को दुपहर तीन बज

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए