साहित्य और संस्कृति की घड़ी
सोशल मीडिया के आला कर्मचारियों ने जब जनता के लिए रील्स फ़ॉर्मेट संभव किया, तब उन्हें मालूम न होगा कि लोक के गणराज में रील्स का क्या हाल होगा! उन्हें क़तई पता नहीं था कि इसी रील्स से सुदूर बाड़मेर के पत्
जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।
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