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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

28 नवम्बर 2025

‘पोस्ट-रेज़र सिविलाइज़ेशन : ‘ज़िलेट-मैन’ से ‘उस्तरा बियर्ड-मैन’’

‘पोस्ट-रेज़र सिविलाइज़ेशन : ‘ज़िलेट-मैन’ से ‘उस्तरा बियर्ड-मैन’’

ग़ौर कीजिए, जिन चेहरों पर अब तक चमकदार क्रीम का वादा था, वहीं अब ब्लैक सीरम की विज्ञापन-मुस्कान है। कभी शेविंग-किट का ‘ज़िलेट-मैन’ था, अब है ‘उस्तरा बियर्ड-मैन’। यह बदलाव सिर्फ़ फ़ैशन नहीं, फ़ेस की फिल

27 नवम्बर 2025

गाँव-गिराँव से विश्वविद्यालय की ओर

गाँव-गिराँव से विश्वविद्यालय की ओर

वैकल्पिक प्रश्न पत्र—हबीब तनवीर—की क्लास ख़त्म हुई। कैंटीन में जाकर खाना खाया और 7 नंबर गेट से बाहर आकर, सड़क पार करके 8 नंबर गेट पर आइडेंटिटी कार्ड दिखाते हुए पुन: विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। चार

26 नवम्बर 2025

एशेज : क्रिकेट का इतिहास गढ़ने वाली सीरीज़

एशेज : क्रिकेट का इतिहास गढ़ने वाली सीरीज़

ऑपरेशन सिंदूर का समय था, भारत के आर्म्ड फ़ोर्सेस की तरफ़ से शाम को रोज़ प्रेस कांफ़्रेंस हो रही थी। इसी प्रेस कांफ़्रेंस के क्रम में एक दिन मीडिया से मुख़ातिब होने एयर फोर्स के बी.आर. घई आए। उन्होंने

23 नवम्बर 2025

सदी की आख़िरी माँएँ

सदी की आख़िरी माँएँ

मैं ख़ुद को ‘मिलेनियल’ या ‘जनरेशन वाई’ कहने का दंभ भर सकता हूँ। इस हिसाब से हम दो सदियों को जोड़ने वाली वे कड़ियाँ हैं—जिन्होंने पैसेंजर ट्रेन में सफ़र किया है, छत के ऐंटीने से फ़्रीक्वेंसी मिलाई है,

22 नवम्बर 2025

व्यंग्य : लाख काम छोड़कर बिहार जाना चाहिए

व्यंग्य : लाख काम छोड़कर बिहार जाना चाहिए

(डिसक्लेमर : मैं जन्मना बिहारी, कर्म से झारखंडी, मन से भारतीय और असंभव विश्व नागरिकता प्राप्त करने का आकांक्षी हूँ। इतने पर भी कोई शंका करे तो तुलसीदास के शब्दों में वह मुझसे भी अधिक जड़मति रंका है।)

21 नवम्बर 2025

दक्षिण भारत : कुछ यात्राओं का अंत नहीं होता…

दक्षिण भारत : कुछ यात्राओं का अंत नहीं होता…

क़रीब तीस साल पहले जब मैं मुंबई में पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्यरत थी, तब एक बार सिटी प्रोफ़ाइल करने के वास्ते बैंगलोर (वर्तमान में बेंगलुरु) और मैसूर जाना हुआ था। मुंबई से बैंगलोर की वह फ़्लाइट त

18 नवम्बर 2025

मार्गरेट एटवुड : मर्द डरते हैं कि औरतें उनका मज़ाक़ उड़ाएँगीं

मार्गरेट एटवुड : मर्द डरते हैं कि औरतें उनका मज़ाक़ उड़ाएँगीं

Men are afraid that women will laugh at them. Women are afraid that men will kill them. मार्गरेट एटवुड का मशहूर जुमला—मर्द डरते हैं कि औरतें उनका मज़ाक़ उड़ाएँगीं; औरतें डरती हैं कि मर्द उन्हें क़त्ल

15 नवम्बर 2025

प्रतीक और बिंब का गुम्फित होना

प्रतीक और बिंब का गुम्फित होना

इस आलेख-शृंखला से संबंधित दो आलेख—अनुभूति की शुद्धता का सवाल और महान् कविताओं के बिंब कैसे होते हैं!—आप पहले पढ़ चुके हैं। अब पढ़िए यह तीसरा आलेख : आज बड़ी शानदार सुबह थी। यूनिवर्सिटी की सड़क बारिश

14 नवम्बर 2025

अँगूठा मेहनत कर रहा है, दिमाग़ आराम!

अँगूठा मेहनत कर रहा है, दिमाग़ आराम!

सड़क के किनारे फ़ुटपाथ पर लेटा बूढ़ा व्यक्ति लगातार खाँस रहा है। बग़ल में बैठा जवान बेटा हथेली पर खैनी ठोंकते हुए खाना बनने का इंतज़ार कर रहा है। चेस-नुमा शरीर के साथ अधनंगा एक छोटा बच्चा खेल रहा है।

12 नवम्बर 2025

केवल नाम के बूढ़े आदमी द्वारा बनाए गए ‘सत्तावन’ प्रसिद्ध बहाने

केवल नाम के बूढ़े आदमी द्वारा बनाए गए ‘सत्तावन’ प्रसिद्ध बहाने

जो लोग सफल नहीं होते हैं, उनमें आम तौर पर एक ख़ास विशेषता होती है। उन्हें विफलता के सभी कारणों का पता होता है और वे उपलब्धि की अपनी कमी के स्पष्टीकरण के लिए विश्वस्त ठोस बहाने बनाते हैं। इन बहानों में