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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

25 दिसम्बर 2024

‘नए लेखकों के लिए 30 ज़रूरी सुझाव’

‘नए लेखकों के लिए 30 ज़रूरी सुझाव’

पहला सुझाव तो यह कि जीवन चलाने भर का रोज़गार खोजिए। आर्थिक असुविधा आपको हर दिन मारती रहेगी। धन के अभाव में आप दार्शनिक बन जाएँगे लेखक नहीं।  दूसरा सुझाव कि अपने लेखक समाज में स्वीकृति का मोह छोड़ द

24 दिसम्बर 2024

प्रेम का आईनाख़ाना

प्रेम का आईनाख़ाना

सूफ़ी साहित्य का कैनवास इतना विशाल है कि अक्सर तस्वीर का एक हिस्सा देखने में दूसरा हिस्सा छूट जाता है। इस तस्वीर में इतने रंग हैं और रंगों का ऐसा मेल-मिलाप है कि किसी एक रंग को ढूँढ़ना समझना लगभग नामुम

24 दिसम्बर 2024

श्याम बेनेगल : ग़ैर-समझौतापरस्त रचनात्मक मिशन का सबसे भरोसेमंद और बुलंद स्मारक

श्याम बेनेगल : ग़ैर-समझौतापरस्त रचनात्मक मिशन का सबसे भरोसेमंद और बुलंद स्मारक

अस्सी के दशक की ढलान पर तेज़ी से लुढ़क रहे एक असंस्कृत समय में टीवी पर ‘भारत एक खोज’ शीर्षक धारावाहिक के अथ और इति का पार्श्वसंगीत अपने-आप में ग़ुस्ताख़ी से कम नहीं था। कास्टिंग में शामिल नाम और व

18 दिसम्बर 2024

भारतीय शिक्षा बोर्ड की हिंदी पाठ्य-पुस्तकों का विमोचन

भारतीय शिक्षा बोर्ड की हिंदी पाठ्य-पुस्तकों का विमोचन

दिनांक 12 दिसंबर 2024 को साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली, रवींद्र भवन के सभागार में आयोजित भारतीय शिक्षा बोर्ड की हिंदी की पाठ्य-पुस्तकों के विमोचन एवं पतंजलि योगपीठ (ट्रस्ट) तथा भारतीय शिक्षा बोर्ड के सं

18 दिसम्बर 2024

ज़ाकिर हुसैन : एक उस्ताद का जीवन

ज़ाकिर हुसैन : एक उस्ताद का जीवन

इतना बोलता हुआ, इतना प्रसन्नमन, ऊर्जस्वी और संगीतमय मनुष्य आपने उनके पहले कब देखा था? उस्ताद ज़ाकिर हुसैन कुल मिलाकर 73 वर्षों तक इस दुनिया में रहे; लेकिन इस एक उम्र में उन्होंने कई ज़िंदगियाँ जी लेने

17 दिसम्बर 2024

सदा रहने वाली चीज़ों की किताब

सदा रहने वाली चीज़ों की किताब

‘द बुक ऑफ़ एवरलास्टिंग थिंग्स’ लाहौर के विज परिवार के साथ बीसवीं सदी की शुरुआत से शुरू होती है। इसके शुरुआत में ही स्वदेशी आंदोलन का कपड़ा व्यवसायियों पर पड़ने वाला प्रभाव, प्रथम विश्वयुद्ध में भारतीय स

16 दिसम्बर 2024

बेहतर गद्य लिखने के 30 ज़रूरी और जानदार नुस्ख़े

बेहतर गद्य लिखने के 30 ज़रूरी और जानदार नुस्ख़े

• जल्दी-जल्दी में लिखी गईं गोपनीय नोटबुक्स और तीव्र भावनाओं में टाइप किए गए पन्ने, जो ख़ुद की ख़ुशी के लिए हों। • हर चीज़ के लिए समर्पित रहो, हृदय खोलो, ध्यान देकर सुनो। • कोशिश करो कि कभी अपने

15 दिसम्बर 2024

व्यक्ति से प्रकाश-स्तंभ बनने की यात्रा

व्यक्ति से प्रकाश-स्तंभ बनने की यात्रा

विचारहीनता ने आज जिस प्रकार तमाम राजनीतिक-सांस्कृतिक-साहित्यिक परिदृश्य को अपनी गिरफ़्त में ले लिया है, और भावनाओं के उकसावे को ही वैचारिक ताक़त का नाम दिया जाने लगा है, उससे यह बात और ज़्यादा पुष्ट होत

14 दिसम्बर 2024

नागरीप्रचारिणी सभा की मनोरंजन पुस्तकमाला

नागरीप्रचारिणी सभा की मनोरंजन पुस्तकमाला

अँग्रेज़ी की प्रसिद्ध पुस्तक के इस शीर्षक ने हिंदी में उस महान् मुहावरे को जन्म दिया; जिसके शब्द हैं : सादा जीवन उच्च विचार। यह किताब सन् 1897 में पहली बार प्रकाशित हुई थी और अँग्रेज़ी-साहित्य में इस

13 दिसम्बर 2024

जो बचा है वह है बस शब्दों का एक नगर

जो बचा है वह है बस शब्दों का एक नगर

मैं, पम्पा कम्पाना, हूँ इस कृति की रचयिता/ मैंने एक साम्राज्य का उत्थान और पतन देखा है/ अब उन्हें कैसे याद करता है कोई, उन राजाओं और उन रानियों को?/ अब वे बचे हैं बस शब्दों में/ वे थे तो थे विजेता या