साहित्य और संस्कृति की घड़ी
खिड़कियों के बाहर कई तरह के रंग होते हैं, धरती के भी-आसमान के भी। पर खिड़कियाँ अपने रंगों से नहीं अपने हवादार होने से जानी जाती हैं। वे इतनी बड़ी नहीं होतीं कि दरवाज़ा हो जाएँ, न इतनी छोटी कि आप झरोखा या
आजकल पत्नी को निहार रहा हूँ, सच पूछिए तो अपनी किस्मत सँवार रहा हूँ। हुआ यूँ कि रिटायरमेंट के कुछ माह पहले से ही सहकर्मीगण आकर पूछने लगे—“रिटायरमेंट के बाद क्या प्लान है चतुर्वेदी जी?” “अभी तक
24 फरवरी 2025
देश का लोकप्रिय और चर्चित रंगमंच पुरस्कार और फ़ेस्टिवल—महिंद्रा एक्सीलेंस इन थिएटर अवार्ड्स (META) का 20वाँ संस्करण 13 से 20 मार्च 2025 के दौरान आयोजित हो रहा है। महिंद्रा ग्रुप द्वारा स्थापित इस पुर
• मैंने Meta AI से पूछा : भगदड़ क्या है? मुझे उत्तर प्राप्त हुआ : भगदड़ एक ऐसी स्थिति है, जब एक समूह में लोग अचानक और अनियंत्रित तरीक़े से भागने लगते हैं—अक्सर किसी ख़तरे या डर के कारण। यह अक्सर
• दयालु बनो, क्योंकि तुम जिससे भी मिलोगे वह एक कठिन लड़ाई लड़ रहा है। • केवल मरे हुए लोगों ने ही युद्ध का अंत देखा है। • शासन करने से इनकार करने का सबसे बड़ा दंड अपने से कमतर किसी व्यक्ति द्वार
जिल्द में बँधी पिता की याद दुनिया लुप्त हो रही थी। लोग भूल चुके थे—तितलियों के रंग, चिड़ियों की चहचहाहट। उनसे जब भी चिड़ियों का रंग पूछा जाता था तो एक यंत्र तलाशते थे और तस्वीरें तलाशने लगते थे। वह
20 फरवरी 2025
साहित्य के किसी भी सामान्य पाठक के लिए महाश्वेता देवी (1926-2016) का नाम सुपरिचित और सम्मानित है। उनकी लिखी हुई कहानियाँ और उपन्यास भारतीय सभ्यता की समानार्थी हैं। उसके अंदर जो कुछ सुंदर-असुंदर है, उ
यह पुस्तक पारसी समुदाय के वैभवशाली जीवन की कथा है और लेखक द्वारा इसके किसी सच्चे जीवन वृत्तांत पर आधृत होने का दावा भी जगह-जगह पर मिलता है। यह बहुत पुरानी रचना है, संभवतः 20वीं सदी के शुरुआत की। इसका
भारत रंग महोत्सव—अभिमंच सभागार में, ऋषिकेश सुलभ के उपन्यास ‘दातापीर’ पर आधारित, कृष्ण समृद्धि द्वारा नाट्यान्तरित और रणधीर कुमार द्वारा निर्देशित नाटक ‘स्मॉल टाउन ज़िंदगी’ रागा पटना के कलाकारों द्वा
अनंत ऊर्जा-शक्ति से पैदा हुआ जीव अंततः उसी में समा जाता है। सात महत्त्वपूर्ण चक्रों से युक्त मानव देह में जब ऊर्जा का प्रवाह ऊर्ध्व दिशा में होने लगता है, तब व्यावहारिक, सांसारिक और व्यक्तिगत भार जैस