भाषा सीखने से जुड़ी स्मृति : एक बच्चे की नज़र से
यह 21वीं सदी का कोई पहला या दूसरा ही साल था। यह मेरे स्कूल के दिनों की बात है। यही वह समय था, जब स्कूल जाने में ख़ूब मज़ा आता था और मैं अपना अधिकांश समय स्कूल की कक्षाओं में बैठते हुए बिताता था। विज्ञा
06 सितम्बर 2025
शब्दचित्र : रेखा चाची और मेरी माँ
आरुष मिश्र, सरदार पटेल विद्यालय, नई दिल्ली में कक्षा दसवीं में पढ़ने वाले किशोर हैं। पिछले वर्ष जब वह कक्षा नवीं में थे तो गर्मी की छुट्टियों में उनकी कक्षा को हिंदी विषय में एक कार्य मिला था। उसमें
18 अप्रैल 2025
ए.एन. कॉलेज से हो रही है बिहार में 'हिन्दवी कैंपस कविता' की शुरुआत
हिन्दवी कैंपस कविता—‘हिन्दवी’ का एक विशेष आयोजन है। इस आयोजन के माध्यम से देश के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के साथ-सहयोग से वहाँ के छात्रों को साहित्य-सृजन के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाता
इलाहाबाद तुम बहुत याद आते हो!
“आप प्रयागराज में रहते हैं?” “नहीं, इलाहाबाद में।” प्रयागराज कहते ही मेरी ज़बान लड़खड़ा जाती है, अगर मैं बोलने की कोशिश भी करता हूँ तो दिल रोकने लगता है कि ऐसा क्यों कर रहा है तू भाई! ऐसा नहीं