साहित्य और संस्कृति की घड़ी
26 नवंबर, 2025 को नई दिल्ली में शास्त्रीय संगीत गुरु पंडित अमरनाथ द्वारा रचित ‘हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का शब्दकोश’ के हिंदी संस्करण का लोकार्पण इंडिया इंटरनेशनल सेंटर-एनेक्स में हुआ। इस अवसर पर प
21 नवंबर को मंचित नाटक ‘क्रेज़ी किया रे’ ने एक बार फिर यह सशक्त संदेश दिया कि जब व्यक्ति अपनी मौलिकता छोड़कर किसी और की नक़ल में डूब जाता है, तो वह अनजाने में ही हास्य का पात्र बन जाता है। समाज में ऊ
धर्मेंद्र के निधन पर एक व्यापक सामूहिक क्षति का एहसास हमें न्यूज़ चैनल्स पर दिखाई गईं ख़बरों और सोशल मीडिया पर दी गईं श्रद्धांजलियों से हुआ। धर्मेंद्र एक बड़े जनसमूह के नायक थे, जिन्होंने लंबे समय तक
बीते नवंबर बिहार विधानसभा का चुनावी समर अपने शबाब पर रहा। बिहार की राजनीति हमेशा से पूरे देश में चर्चा का विषय रही है। जिसका प्रमुख कारण बिहार का एक बड़ा सूबा होना है क्योंकि केंद्र का रास्ता बहुत कु
इधर दो-तीन दिनों से इंस्टाग्राम, X और रेडिट जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर एक पोर्न वीडियो की चर्चा है। सामान्य तौर पर ऐसे एमएमएस हर रोज़ सैकड़ों की संख्या में प्रसारित होते रहते हैं और लोग उन्
30 नवम्बर 2025
मुझे ऐसा लगता है कि दुनिया में जितने भी... अजी! रुकिए अगर आप लड़के हैं तो यह पढ़ना स्किप कर सकते हैं, हो सकता है आपको इस लेख में कुछ भी ख़ास न लगे और आप इससे बिल्कुल भी जुड़ाव महसूस न करें। इसलिए आपक
हाल ही में नई पीढ़ी के कवि, गद्यकार और अनुवादक अखिलेश सिंह की पहली कहानी ‘विकल्प’—समालोचन पर प्रकाशित हुई है। बीते कुछ दिनों में इस कहानी के साथ लगातार रहने का अवसर मिला। अखिलेश सिंह के प्रभावशाली, ध
ग़ौर कीजिए, जिन चेहरों पर अब तक चमकदार क्रीम का वादा था, वहीं अब ब्लैक सीरम की विज्ञापन-मुस्कान है। कभी शेविंग-किट का ‘ज़िलेट-मैन’ था, अब है ‘उस्तरा बियर्ड-मैन’। यह बदलाव सिर्फ़ फ़ैशन नहीं, फ़ेस की फि
[एक] कवि हृदय का वकील होता है। उसकी वकालत तर्क की झूठी बैसाखियों के सहारे नहीं वरन् सच्चे मनुष्यत्व की नैतिकता और निष्ठा की अदृश्य बहनेवाली अंत:सलिला पर चलती है जिसके होंठों पर सदा इंसानपरस्ती का
27 नवम्बर 2025
वैकल्पिक प्रश्न पत्र—हबीब तनवीर—की क्लास ख़त्म हुई। कैंटीन में जाकर खाना खाया और 7 नंबर गेट से बाहर आकर, सड़क पार करके 8 नंबर गेट पर आइडेंटिटी कार्ड दिखाते हुए पुन: विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। चार