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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

27 अक्तूबर 2024

‘मोहब्बत की फ़ेहरिस्त से ग़ायब मुमताज़-शाहजहाँ’

‘मोहब्बत की फ़ेहरिस्त से ग़ायब मुमताज़-शाहजहाँ’

ताजमहल के दीदार की मेरी कभी ख़्वाहिश ही नहीं हुई। इसमें ताजमहल की कोई ख़ता भी नहीं, बस हालात ज़रा ज़ालिम बनते गए और जब भी ताज का ज़िक्र आया तो मुँह का ज़ायक़ा कसैला हो गया। ज़िंदगी की पहली पारी का शुरुआती

26 अक्तूबर 2024

मैं वही हूँ—‘कोई… मिल गया’ का ‘रोहित’

मैं वही हूँ—‘कोई… मिल गया’ का ‘रोहित’

ऋतिक रोशन ने जब मुझे अपनी ओर अट्रैक्ट किया, उसकी पहली वजह थी यह गाना और उस पर ऋतिक बेहतरीन डांस—“करना है क्या मुझको यह मैंने कब है जाना…” प्रभुदेवा की कोरियोग्राफ़ी और फ़रहान अख़्तर का कैमरा। इस ग

25 अक्तूबर 2024

अजंता देव की ताँत के धागों से खींची कविताएँ

अजंता देव की ताँत के धागों से खींची कविताएँ

अगर कोई कहे कि अपने लिए बस एक ही फ़ेब्रिक चुनो तो मैं चुनूँगी सूती। सूती में भी किसी एक जगह की बुनाई को ही लेने को मजबूर किया तो चुनूँगी—बंगाल; और बंगाल के दसियों क़िस्म की सूती साड़ियों में से भी कोई

24 अक्तूबर 2024

एक स्त्री बनने और हर संकट से पार पाने के बारे में...

एक स्त्री बनने और हर संकट से पार पाने के बारे में...

हान कांग (जन्म : 1970) दक्षिण कोरियाई लेखिका हैं। वर्ष 2024 में, वह साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली दक्षिण कोरियाई लेखक और पहली एशियाई लेखिका बनीं। नोबेल से पूर्व उन्हें उनके उपन

24 अक्तूबर 2024

अर्थ की खोज में हम भटक जाते हैं, सारे सफल-असफल प्रयास मेरी प्रेरणा हैं

अर्थ की खोज में हम भटक जाते हैं, सारे सफल-असफल प्रयास मेरी प्रेरणा हैं

हान कांग (जन्म : 1970) दक्षिण कोरियाई लेखिका हैं। वर्ष 2024 में, वह साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली दक्षिण कोरियाई लेखक और पहली एशियाई लेखिका बनीं। नोबेल से पूर्व उन्हें उनके उपन

23 अक्तूबर 2024

व्यक्तित्व-निर्माण की सीढ़ियाँ : प्लेज़र, कंफ़र्ट जोन, बिस्तरों और कुर्सियों में फँसे लोग

व्यक्तित्व-निर्माण की सीढ़ियाँ : प्लेज़र, कंफ़र्ट जोन, बिस्तरों और कुर्सियों में फँसे लोग

आज मानव जिस धरातल पर अपने जीवित होने के हस्ताक्षर—हर क्षण साँसों के द्वारा—जिस तरह कर रहा है, उसे मद्द-ए-नज़र रखते हुए यह सवाल पूछना ज़रूरी हो गया है कि क्या वह वाक़ई जी रहा है? या बस पलायन करना चाहत

21 अक्तूबर 2024

आद्या प्रसाद ‘उन्मत्त’ :  हमरेउ करम क कबहूँ कौनौ हिसाब होई

21 अक्तूबर 2024

आद्या प्रसाद ‘उन्मत्त’ : हमरेउ करम क कबहूँ कौनौ हिसाब होई

आद्या प्रसाद ‘उन्मत्त’ अवधी में बलभद्र प्रसाद दीक्षित ‘पढ़ीस’ की नई लीक पर चलने वाले कवि हैं। वह वंशीधर शुक्ल, रमई काका, मृगेश, लक्ष्मण प्रसाद ‘मित्र’, माता प्रसाद ‘मितई’, विकल गोंडवी, बेकल उत्साही, ज

19 अक्तूबर 2024

CTRL :  एक बेमेल दुनिया की सच्चाई, जहाँ से बचना लगभग असंभव है

CTRL : एक बेमेल दुनिया की सच्चाई, जहाँ से बचना लगभग असंभव है

कभी-कभी सोचती हूँ कि यह आभासी दुनिया भी कितनी उकताऊ हो चुकी है। कुछ भी आभासी देखने या सुनने का मन नहीं होता। जब मैंने नेटफ़्लिक्स पर ‘CTRL’ देखनी शुरू की, तो मुझे लगा कि यह एआई और डेटा-प्राइवेसी पर आ

17 अक्तूबर 2024

जामिया में हुआ दिल्ली का पहला ‘हिन्दवी कैंपस कविता’ आयोजन

जामिया में हुआ दिल्ली का पहला ‘हिन्दवी कैंपस कविता’ आयोजन

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के FTK-CIT सभागार में, 16 अक्टूबर को ‘कैंपस कविता’ का आयोजन संपन्न हुआ। यह आयोजन रेख़्ता समूह के उपक्रम ‘हिन्दवी’ ने लिटरेरी क्लब, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सहयोग से किया

16 अक्तूबर 2024

जामिया से हो रही है दिल्ली में ‘हिन्दवी कैंपस कविता’ की शुरुआत

जामिया से हो रही है दिल्ली में ‘हिन्दवी कैंपस कविता’ की शुरुआत

‘हिन्दवी उत्सव’ के साथ-साथ हिन्दवी कैंपस कविता भी ‘हिन्दवी’ का एक विशेष आयोजन है—इसके माध्यम से देश के विभिन्न शैक्षिक संस्थानों के साथ मिलकर वहाँ के छात्रों को साहित्य-सृजन के लिए प्रोत्साहित करने क

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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