साहित्य और संस्कृति की घड़ी
12 जुलाई 2024
मेरे लिए, एक लेखक होने का मतलब है किसी व्यक्ति के अंदर छिपे दूसरे व्यक्ति की खोज करना; और उस दुनिया की भी जो वर्षों तक धैर्यपूर्वक काम करके उस व्यक्ति को बनाती है। जब मैं लेखन की बात करता हूँ, तो म
पांचाली और नगरवधू हमारे काडर में दफ़्तरों की दो कोटियाँ थीं। छोटे दफ़्तर-आईएसओ, जिनमें अनुवादकों की संख्या कम होती थी। उसके बरअक्स मुख्यालय जहाँ अनुवादक इफ़रात में रहते थे। एक बार बातों-बातों में
सोचता हूँ कुछ लिखूँ पर लिखने के उत्साह पर अवसाद भारी है। ~ भाषा का बुनियादी ताना-बाना शब्दों से कहीं अधिक प्रयोगों से निर्मित होता है। आजकल लोग पैदा नहीं होते अवतरित होते हैं। वाक्यों में दो क्
नाटक केवल शब्दों नहीं, अभिनेता की भंगिमाओं, कार्य-व्यापार और दृश्यबंध की संरचना के सहारे हमारे मानस में बिंबों को उत्तेजित कर हमारी कल्पना की सीमा को विस्तृत कर देते हैं और रस का आस्वाद कराते हैं। जि
तीसरी कड़ी से आगे... क्लबहाउस की दुनिया अब प्रौढ़ हो चुकी थी। अपने शुरुआती दिनों की तमाम स्थापनाओं के बाद यहाँ की सभ्यता, नियम-क़ायदों और ज़रूरी रीति-रिवाज़ से अब यहाँ बसने वाले बख़ूबी परिचित हो चुके थे
दूसरी कड़ी से आगे... समय और क्लबहाउस मैं समय हूँ!—यहाँ यह कहने वाला कोई नहीं, लेकिन फ़ेसबुक के अल्गोरिदम की तरह क्लबहाउस का भी अपना तिया-पाँचा था, जिसे स्पीकर्स जितना जानते थे—सुनने वाले भी उतना
पहली कड़ी से आगे... क्लबहाउस की दुनिया को बनाने वालों लोग ग़म-ए-रोज़गार से ऊबे हुए लोग थे—वे अजीब लोग थे! वे इतने अजीब थे कि अब उन्हें एक नॉस्टेल्जिया की तरह याद किया जा सकता है। जो अभिव्यक्ति के नाम
सुख्यात कवि-कथाकार देवी प्रसाद मिश्र की किताब मनुष्य होने के संस्मरण हाल के दिनों में चर्चा में रही है। इस पुस्तक की अन्य कथाओं पर यहाँ उनसे एक बातचीत की है—सरबजीत गरचा ने जो अँग्रेज़ी भाषा के जाने-म
कोविड की हाहाकारी लहर के बीच जनजीवन का ख़तरा इतना अबूझ था कि लोग उसे हर संभव जानने-समझने की कोशिश में लगे थे। वे हर किसी की बात सुन रहे थे, गुन रहे थे, धुन रहे थे। उनके लिए आख़िरी और प्रामाणिक सत्य कुछ
दोस्तो! हम पाक-विस्थापितों में टीके के रिवाज का तारीख़ी सिलसिला कब शुरू हुआ, मेरे पास इसकी कोई पुख़्ता जानकारी नहीं है। मेरे परिवार में एक ताऊ ज़रूर हैं, जो बात-बात पर पारिवारिक मौक़ों में यह कहते हु
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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