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प्रकृति पर बेला

प्रकृति-चित्रण काव्य

की मूल प्रवृत्तियों में से एक रही है। काव्य में आलंबन, उद्दीपन, उपमान, पृष्ठभूमि, प्रतीक, अलंकार, उपदेश, दूती, बिंब-प्रतिबिंब, मानवीकरण, रहस्य, मानवीय भावनाओं का आरोपण आदि कई प्रकार से प्रकृति-वर्णन सजीव होता रहा है। इस चयन में प्रस्तुत है—प्रकृति विषयक कविताओं का एक विशिष्ट संकलन।

15 मई 2025

ये day वो day और हाथी

ये day वो day और हाथी

वर्ल्ड अर्थ डे और हाथी का कोई सीधा संबंध नहीं है, पर पता नहीं क्यों मुझे ‘वर्ल्ड अर्थ डे’ पर हाथी याद आता है। हाथी का इतिहास संघर्षों की मिट्टी में दबा हुआ है। वह न पूरी तरह से जंगल का हुआ, न ही पूरी

13 फरवरी 2025

विहान की अलवर-यात्रा : जीवंत रंग प्रस्तुतियाँ

विहान की अलवर-यात्रा : जीवंत रंग प्रस्तुतियाँ

विहान ड्रामा वर्क्स की अलवर यात्रा पर लिखना सिर्फ़ एक यात्रा के बारे में लिखना नहीं, बल्कि विहान की एक महत्त्वपूर्ण और ऐतिहासिक उपलब्धि को रेखांकित करना है। जिसे लिखे बिना उसकी संपूर्णता दर्ज करना सं

11 फरवरी 2025

अजातशत्रु : आस्था के आगे मौत क्या चीज़ है!

अजातशत्रु : आस्था के आगे मौत क्या चीज़ है!

भारत रंग महोत्सव में के. के. रैना द्वारा निर्देशित और इला अरूण द्वारा अनूदित नाटक ‘अजातशत्रु’ की बेहतरीन प्रस्तुति हुई। यह नाटक का प्रभाव था या फिर के. के. रैना और इला अरूण के नाम का प्रभाव; प्रेक्षा

07 दिसम्बर 2024

सौंदर्य की नदी नर्मदा : नर्मदा के वनवास से अज्ञातवास की पूरी कहानी

सौंदर्य की नदी नर्मदा : नर्मदा के वनवास से अज्ञातवास की पूरी कहानी

“सौंदर्य उसका, भूल-चूक मेरी!” शुरुआती पन्नों में ही यह पंक्ति लिखकर लेखक अपनी मंशा बिल्कुल साफ़ कर देते हैं। सारे ग्रह से लेकर परमाणु तक सब अपनी-अपनी कक्षा में परिक्रमा कर रहे हैं और इसी तरह प्रत्येक

28 नवम्बर 2024

'गंध ही के भारन बहत मंद-मंद पौन...'

'गंध ही के भारन बहत मंद-मंद पौन...'

वसंत इस कामकाजी शहर का मूड नहीं है। संभवतः जनवरी के बाद ही गर्मियों की तैयारी में यह शहर फ़रवरी के मूड को स्किप कर देता है। इस बीच वसंत का आना भी महज़ हवा में कपूर की तरह ही होता है। उदास बयार की छुअन

24 जुलाई 2024

शिमला डायरी : काई इस शहर की सबसे आदिम पहचान है

शिमला डायरी : काई इस शहर की सबसे आदिम पहचान है

10 जुलाई 2024 सुशील जी का घर, मुखर्जी नगर। नेताजी एक्सप्रेस लेट है। उनके साथ खाना खाता हूँ। वह टिफ़िन बाँध देते हैं। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उमस। स्लीपर में बीच वाली सीट। ले गर्मी, दे गर्मी।