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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

24 सितम्बर 2024

‘‘जश्न-ए-फ़रीद काज़मी’ में खेला गया ‘मगध’’

‘‘जश्न-ए-फ़रीद काज़मी’ में खेला गया ‘मगध’’

गत दिनांक 16 सितंबर 2024 को ‘जश्न-ए-फ़रीद काज़मी’ का आयोजन किया गया। प्रयागराज स्थित स्वराज विद्यापीठ में यह कार्यक्रम शाम 5 बजे शुरू हुआ। यह तीन हिस्सों में संपन्न हुआ : • हमारी यादों में फ़रीद का

24 सितम्बर 2024

नए भारत का हिंदी पखवाड़ा और हिंदी-प्रोफ़ेसर-सेवकों के हवाले हिंदी

नए भारत का हिंदी पखवाड़ा और हिंदी-प्रोफ़ेसर-सेवकों के हवाले हिंदी

अगर आप हिंदी में लिखते-पढ़ते हैं तो सितंबर का महीना आपको ‘विद्वान’ कहलाने का पूरा मौक़ा देता है। अभी कुछ दिन पहले ही हिंदी दिवस बीता। हिंदी पखवाड़ा जिसे बक़ौल प्रोफ़ेसर विनोद तिवारी हिंदी का पितर-

24 सितम्बर 2024

नवीन सागर को याद करेंगे कवि-प्रशंसक-प्रियजन

नवीन सागर को याद करेंगे कवि-प्रशंसक-प्रियजन

इस शुक्रवार यानी 27 सितंबर 2024 की शाम हौज़ ख़ास विलेज (नई दिल्ली) में हिंदी के एक अनूठे कवि-लेखक नवीन सागर [1948-2000] की स्मृति में एक रचना-समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस समारोह में रामकुमार तिवारी

23 सितम्बर 2024

‘हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह...’

‘हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह...’

मुन्नवर राना कह गए हैं :  “ये बाज़ार-ए-हवस है तुम यहाँ कैसे चले आए ये सोने की दुकानें हैं यहाँ तेज़ाब रहता है” बाज़ार चीज़ों के साथ क्या करता है, इसके जवाब में कई ख़ूब मिसालें आपको मिल जाएँगी।

22 सितम्बर 2024

सेक्टर 36 : शहरों की नहीं दिखने वाली ख़ौफ़-भरी घटनाओं का रियलिस्टिक थ्रिलर

22 सितम्बर 2024

सेक्टर 36 : शहरों की नहीं दिखने वाली ख़ौफ़-भरी घटनाओं का रियलिस्टिक थ्रिलर

कभी-कभी सिनेमा देखने वालों को भी तलब होती है कि ऐसा कोई सिनेमा देखें जो उनके भीतर पनप रहे कोलाहल या एंग्जायटी को ऐसी ख़ुराक दे जिससे उनके दिल-ओ-दिमाग़ को एक शॉक ट्रीटमेंट मिले और वह कुछ ज़रूरी मानवीय मू

21 सितम्बर 2024

आपातकाल से अघोषित आपातकाल के बीच

आपातकाल से अघोषित आपातकाल के बीच

गए दिनों ज्ञान प्रकाश की किताब ‘आपातकाल आख्यान’ आई। राजकमल प्रकाशन से आई इस किताब में, उन्होंने 1975 में लगी इमरजेंसी की चर्चा की है। ज्ञान प्रकाश अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर हैं। य

20 सितम्बर 2024

महाभारत : वीरता के आवरण में

महाभारत : वीरता के आवरण में

उपनिवेशित समाजों पर अपनी क़ब्ज़ेदारी को न्यायोचित ठहराने के लिए उपनिवेशकों ने यह बहाना गढ़ा था कि इन समाजों में वैयक्तिक उत्कर्ष की लालसा नहीं है। न ही वे एक समुदाय के रूप में ख़ुद को गठित कर पाने में स

19 सितम्बर 2024

हिंदी के चर्चित घड़ी-प्रसंग की घड़ी बंद होने के बाद...

हिंदी के चर्चित घड़ी-प्रसंग की घड़ी बंद होने के बाद...

घड़ी तो सब ही पहनते हैं। कई सौ सालों पहले जब पीटर हेनलेन ने पहली घड़ी ईजाद की होगी, तो उसके बाप ने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ये इतनी ज़रूरी चीज़ साबित होगी कि दुनिया हिल जाएगी। दानिशमंद लोग कहते

19 सितम्बर 2024

कल से शुरू हो रहा है इंडिया हैबिटैट सेंटर थिएटर फ़ेस्टिवल

कल से शुरू हो रहा है इंडिया हैबिटैट सेंटर थिएटर फ़ेस्टिवल

रंगमंचप्रेमियों के लिए इंडिया हैबिटेट सेंटर थिएटर फ़ेस्टिवल का नया संस्करण आयोजित किया जा रहा है। फ़ेस्टिवल का यह संस्करण 20 सितंबर से 29 सितंबर 2024 तक इंडिया हैबिटैट सेंटर लोधी रोड़ में आयोजित किया

18 सितम्बर 2024

फिर से हो रहा है 'ठेके पर मुशायरा'

फिर से हो रहा है 'ठेके पर मुशायरा'

नाट्य संस्था साइक्लोरामा अपने नए नाटक ‘ठेके पर मुशायरा’ का एक बार फिर से मंचन करने जा रहा है। यह नाटक 21 सितंबर 2024 को एलटीजी सभागार, मंडी हाउस, नई दिल्ली में खेला जाएगा। इसके पिछले प्रदर्शनों को दर

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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