साहित्य और संस्कृति की घड़ी
अंतिम यात्रा लौट आने के लिए नहीं होती। जाने क्या है उस नगर जो जाने वाला आता ही नहीं! (आना चाहता है या नहीं?) सब जानते हुए भी—उसको गए काफ़ी वक़्त गुज़रा पर— उसकी चीज़ें जहाँ थीं, वहाँ से अब तक नहीं
एक दिन मेरी एक लगभग-मित्र ने कहा कि उसने ‘बेहयाई के बहत्तर दिन’ पहली सिटिंग में पचास पेज पढ़ ली। मैं लज्जा से अपना मुँह चोरवाने लगा कि दो महीने बाद भी किताब पूरी नहीं पढ़ पाया हूँ, जबकि झोले में किताब-
01 जून 2024
‘‘महानतम कृत्य अपनी चमक खो देते हैं, अगर उन्हें शब्दों में न बाँधा जाए। क्या तुम स्वयं को ऐसा उद्यम करने के योग्य समझते हो, जो हम दोनों को अमर बना दे।’’ संसारप्रसिद्ध कहानीकार होर्हे लुई बोर्हेस की इ
एक हर किताब अपने समझे जाने को एक दूसरी किताब में बताती है। —वागीश शुक्ल, ‘छंद छंद पर कुमकुम’ जब बाज़ार आपको, आपका निवाला भी चबा कर दे रहा है; तब क्या पढ़ें और किसको पढ़ें? एक अच्छा सवाल है। को
सरहद, भारत-पाकिस्तान 2024 मंटो, पहले अज़ीज़ लिखूँ या आदाब, यहीं मात खा गया। ज़ाहिर है प्रोज़ में आपका मुक़ाबला कर पाना, मेरे बस के और बस के कंडक्टर के—दोनों के बाहर है। आज आपकी सालगिरह है। आपको जा
बचपन में पिता की टेबल पर जिन किताबों से मेरा साबका पड़ता था, उनमें शेक्सपियर के कंपलीट वर्क्स के साथ मुक्तिबोध की ‘भूरी-भूरी खाक धूल’, नामवर सिंह की ‘दूसरी परंपरा की खोज’ के अलावा रामधारी सिंह दिनक
02 अप्रैल 2024 (सूरतगढ़ से जैसलमेर के बीच कहीं ट्रेन में) हम सब शापित हैं। अपनी ही चुप्पियों का कोई तय ठिकाना नहीं ढूँढ़ पाने पर। चलते हुए कहानियाँ बनी—मिलने की, साथ में रोने की और दूर तक ज
हर साल 26 मई को पार्कों, खेत-खलिहानों और कक्षाओं में एक अजीब-ओ-ग़रीब लेकिन बेहद रोमांचक दृश्य देखने को मिलता है : आसमान रंग-बिरंगे और सफ़ेद रंग के काग़ज़ के हवाई जहाज़ों से भर जाता है। नेशनल पेपर एयरप्लेन
एक जब तक पंजाबी साहित्य में रुचि बढ़ी, मैं पंजाब से बाहर आ चुका था। किसी भी दूसरे हिंदी-उर्दू वाले की तरह एक लंबे समय के लिए पंजाबी शाइरों से मेरा परिचय पंजाबी-कविता-त्रय (अमृता, शिव और पाश) तक सी
मैंने अवसाद पर कई कविताएँ लिखी हैं, लेकिन वे सारी बीते दिनों में किसी को देख-समझकर लिखी गई थीं। इन दिनों दिमाग़ की दवा खाने के बाद भी जिस तरह की नकारात्मकता अंदर और मेरे बाहर पर क़ाबिज़ हो गई है, वह दुः
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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