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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

03 जुलाई 2024

‘जेएनयू क्लासरूम के क़िस्से-4’

‘जेएनयू क्लासरूम के क़िस्से-4’

जेएनयू क्लासरूम के क़िस्सों की यह चौथी कड़ी है। पहली और तीसरी कड़ी में हमने प्रोफ़ेसर्स के नामों को यथावत् रखा था और छात्रों के नाम बदल दिए थे। दूसरी कड़ी में प्रोफ़ेसर्स और छात्र दोनों पक्षों के नाम बदले ह

02 जुलाई 2024

काम को खेल में बदलने का रहस्य

काम को खेल में बदलने का रहस्य

...मैं इससे सहमत नहीं। यह संभव है कि काम का ख़ात्मा किया जा सकता है। काम की जगह ढेर सारी नई तरह की गतिविधियाँ ले सकती हैं, अगर वे उपयोगी हों तो।  काम के ख़ात्मे के लिए हमें दो तरफ़ से क़दम बढ़ाने

01 जुलाई 2024

काम से बचना सिर्फ़ अनिच्छा का मामला नहीं है

काम से बचना सिर्फ़ अनिच्छा का मामला नहीं है

...प्रतिवर्ष चौदह हज़ार से पचीस हज़ार मज़दूर काम के दौरान मारे जाते हैं। बीस लाख से ज़्यादा काम के अयोग्य हो जाते हैं। दो से ढाई करोड़ हर साल ज़ख्मी होते हैं। काम से जुड़ी दुर्घटनाओं के ये आँकड़े, एक

30 जून 2024

अगर कोई कहता है कि वह ‘आज़ाद’ है, तो वह या तो झूठ बोल रहा है या मूर्ख है।

अगर कोई कहता है कि वह ‘आज़ाद’ है, तो वह या तो झूठ बोल रहा है या मूर्ख है।

...काम आज़ादी का मज़ाक़ उड़ाता है। समझाया तो यह जाता है कि हम लोकतंत्र में रहते हैं और हमें सारे अधिकार प्राप्त हैं। दूसरे; जो दुर्भाग्यशाली हैं, वे हमारी तरह स्वतंत्र नहीं हैं और उन्हें पुलिसिया राज

29 जून 2024

दुनिया के मजदूरो! आराम करो।

दुनिया के मजदूरो! आराम करो।

किसी को कभी भी कोई भी काम नहीं करना चाहिए। काम दुनिया के सारे दुखों की जड़ है। बुराई चाहे कोई हो, सारी की सारी या तो काम से पैदा होती हैं, या फिर काम की दुनिया में रहने से। दुखों से मुक्ति का मतलब

28 जून 2024

विपश्यना जहाँ आँखें बंद करते ही एक संसार खुलता है

विपश्यना जहाँ आँखें बंद करते ही एक संसार खुलता है

एक Attention is the new Oil अरबों-करोड़ों रुपए इस बात पर ख़र्च किए जाते हैं कि हमारे ध्यान का कैसे एक टुकड़ा छीन लिया जाए। सारा बाज़ार, ख़ासकर वर्चुअल संसार दर्शक (पढ़ें : ग्राहक) के इस ध्यान को भटका

27 जून 2024

जौनपुर भड़ैंती उर्फ़ नक़ल : एक ख़त्म होती नाट्य-विधा

जौनपुर भड़ैंती उर्फ़ नक़ल : एक ख़त्म होती नाट्य-विधा

कुछ वर्ष पूर्व तक पूर्वांचल के देहातों-क़स्बों-शहरों की दीवारों पर हिंदुस्तानी, अवधी या भोजपुरी में लिखे सूचना-पट्ट इस तरह के होते थे—कल्लू नक़्क़ाल, बिस्मिल्लाह भाँड, रमपत हरामी मंडली इत्यादि...  कि

26 जून 2024

इंडिया फ़ेलो अपने 17वें बैच के लिए ले रहा है आवेदन

इंडिया फ़ेलो अपने 17वें बैच के लिए ले रहा है आवेदन

इंडिया फ़ेलो युवा भारतीयों के लिए सामाजिक नेतृत्व हासिल करने का कार्यक्रम है। यह भारतीय परिवेश में ज़मीनी स्तर से जुड़कर, काम करते हुए, अनुभव हासिल करते हुए भारत के अध्येताओं को अपनी नेतृत्व क्षमता खोज

26 जून 2024

विरह राग में चंद बेतरतीब वाक्य

विरह राग में चंद बेतरतीब वाक्य

महोदया ‘श’ के लिए  एक ‘स्त्री दुःख है।’ मैंने हिंदी समाज में गीत चतुर्वेदी और आशीष मिश्र की लोकप्रिय की गई पतली-सुतली सिगरेट जलाते हुए एक सुंदर फ़ेमिनिस्ट से कहा और फिर डर कर वाक्य बदल दिया—

25 जून 2024

ओशो अपनी पुस्तकों के विषय में

ओशो अपनी पुस्तकों के विषय में

मेरे पिता वर्ष में कम से कम तीन या चार बार बंबई जाया करते थे और वह सभी बच्चों से पूछा करते थे, “तुम अपने लिए क्या पसंद करोगे?” वह मुझसे भी पूछा करते, “अगर तुम को किसी वस्तु की आवश्यकता हो तो मैं उसको

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

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