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दिसंबर में होगा कोच्चि–मुज़िरिस बिएनाले का छठा संस्करण

भारत की सर्वाधिक प्रतिष्ठित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त समकालीन कला प्रदर्शनी कोच्चि–मुज़िरिस बिएनाले (Kochi-Muziris Biennale) का छठा संस्करण 12 दिसंबर, 2025 से केरल के ऐतिहासिक समुद्री नगर कोच्चि में आरंभ होने जा रहा है। 31 मार्च, 2026 तक चलने वाली यह विराट कला–यात्रा एक सौ दस दिनों तक कोच्चि को सृजनात्मक ऊर्जा, सांस्कृतिक उत्साह और वैश्विक कलात्मक संवादों से आलोकित करेगी। कभी प्राचीन मसालों और समुद्री व्यापार के केंद्र रहे इस नगर की गलियाँ और गोदाम, बंदरगाह और बस्तियाँ—सब मिलकर पुनः एक बार आधुनिक कला के जीवंत, बहु–स्वर और बहुरंगी केंद्र में परिवर्तित होने को तत्पर हैं।

इस अवधि में विश्व के विविध भूभागों से चुनिंदा कलाकार, क्यूरेटर, कला–समीक्षक, शोधकर्ता, इतिहासकार और कला–प्रेमी कोच्चि पहुँचेंगे। उनकी उपस्थिति एक ऐसा सांस्कृतिक वातावरण रचेगी, जहाँ परंपरा और आधुनिकता, स्थानीय कथाओं और वैश्विक चिंताओं, व्यक्तिगत अनुभवों और सामूहिक स्मृतियों के बीच संवाद स्थापित होगा। विभिन्न कलाओं—चित्रकला, मूर्तिकला, वीडियो आर्ट, परफ़ॉर्मेंस, इंस्टॉलेशन, ध्वनिकलाओं और नए मीडिया—के जरिए मानवीय अनुभवों के अनेक आयाम यहाँ उभरकर सामने आएँगे। 

क्यूरेटोरियल नेतृत्व : निखिल चोपड़ा और एचएच आर्ट स्पेसेज़

इस बार का क्यूरेटोरियल नेतृत्व मशहूर बहु-विषयक कलाकार निखिल चोपड़ा संभाल रहे हैं। वे अक्टूबर, 2014 में गोवा के कलाकारों द्वारा संचालित एचएच आर्ट स्पेसेज़ (HH Art Spaces) के साथ मिलकर बिएनाले को दिशा दे रहे हैं। पिछले तीन दशक से कला की दुनिया में सक्रिय और अपनी सूक्ष्म कलात्मक समझ और लंबे अनुभव के कारण निखिल इस पूरे आयोजन को एक खास ऊर्जा और दृष्टि से जोड़ रहे हैं। निखिल चोपड़ा की पहचान समकालीन भारतीय कला जगत में एक ऐसे कलाकार के रूप में है, जो परफ़ॉर्मेंस, रेखांकन, फोटोग्राफी, मूर्तिकला और इंस्टॉलेशन—इन सबको बखूबी एक साथ पिरोकर काम करते हैं। उनकी कला समय, स्मृति, इतिहास और शरीर के बीच बहुत दिलचस्प तरह से बातचीत करती है। क्यूरेटर के रूप में भी उनका अनुभव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहद समृद्ध है—डॉक्यूमेंटा 14, शारजाह बिएनाले, हवाना बिएनाले और कोच्चि–मुज़िरिस बिएनाले के पिछले संस्करणों में उनकी मौजूदगी इसका साफ़ प्रमाण है।

एचएच आर्ट स्पेसेज़, जिसे निखिल चोपड़ा ने ही सह-स्थापित किया है, नए प्रयोगों और रचनात्मक साहस को बढ़ावा देने वाला एक अनोखा मंच है। यह संस्था रेज़िडेंसी, वर्कशॉप, संवाद-सत्र और प्रदर्शनों के ज़रिए कलाकारों—चाहे वे नए हों या स्थापित—को एक खुला और प्रेरक माहौल देती है। यहाँ एचएच आर्ट स्पेसेज़ का मकसद ही यह है कि विभिन्न कलात्मक दुनिया एक-दूसरे से सीखें, साथ काम करें और मिलकर कुछ नया गढ़ें।

थीम : “फॉर द टाइम बीइंग” (For the Time Being)

इस बार बिएनाले की थीम “फॉर द टाइम बीइंग” है। इस शीर्षक के ज़रिए कलाकारों और दर्शकों—दोनों को यह आमंत्रण दिया जा रहा है कि वे कला को केवल तैयार हो चुके काम के रूप में न देखें, बल्कि सृजन की प्रक्रिया को ही एक महत्वपूर्ण कला–रूप की तरह महसूस करें। मतलब, पूरा होने के दबाव से हटकर, उस यात्रा को समझें जिसमें कला धीरे-धीरे आकार लेती है। निखिल चोपड़ा और उनकी क्यूरेटोरियल टीम इस पूरे बिएनाले को एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र (Living Ecosystem) की तरह देख रही है—एक ऐसी जगह, जो लगातार बदलती, बढ़ती और नए रूप लेती रहती है। ठीक वैसे ही जैसे कलाकारों का वह समुदाय, जो वर्षों से इस आयोजन को अपनी मेहनत और सृजनशीलता से जीवंत करता आया है। जैसा कि निखिल और उनकी टीम कहती है: “हम चाहते हैं कि लोग प्रक्रिया को ही तरीका मानें। वे उन दोस्तियों और सहयोगों को देखें जिन्होंने लंबे समय तक कलाकारों के विभिन्न पहलों को आगे बढ़ाया है। बिएनाले को केवल एक केंद्रीय प्रदर्शनी के रूप में देखने के बजाय, हम इसे एक ऐसा जीवित तंत्र मानते हैं, जहाँ हर हिस्सा—हर व्यक्ति, हर विचार, हर संसाधन—एक-दूसरे से जुड़कर बढ़ता और सीखता है।”
इस थीम की जड़ें कोच्चि की पुरानी बंदरगाह–संस्कृति और उसकी बहुसांस्कृतिक ऐतिहासिक परंपराओं में भी हैं। कोच्चि हमेशा से ऐसे लोगों का शहर रहा है जो दूर–दूर से आकर यहाँ बसते रहे, व्यापार करते रहे और अपनी संस्कृतियाँ साझा करते रहे। इसलिए यह थीम भूगोल और समय की सीमाओं से परे जाकर नए संवादों को जन्म देती है—ऐसी यात्राओं को, जिनमें साझा स्मृतियाँ, समान संघर्ष, और एक-दूसरे को सचमुच सुनने और समझने से मिलने वाली आत्मीयताएँ शामिल हैं।

कोच्चि–मुज़िरिस बिएनाले के प्रमुख स्थल:

1. एस्पिनवाल हाउस (Aspinwall House)
2. डेविड हॉल (David Hall)
3. पेपर हाउस (Pepper House)
4. मोइदू’ज़ हेरिटेज (Moidu’s Heritage)
5. दुर्बार हॉल (Durbar Hall)
6. कैब्रल यार्ड (Cabral Yard)
7. परेड ग्राउंड (Parade Ground)
8. फोर्ट कोच्चि बीच (Fort Kochi Beach)
9. काशी आर्ट गैलरी (Kashi Art Gallery)
10. ज्यू टाउन रोड गोडाउन (Jew Town Road Godown)
11. रोज़ स्ट्रीट बंगला (Rose Street Bungalow)
12. कोचिन क्लब (Cochin Club)
13. गैलरी ओईडी (Gallery OED)
14. डेविड हॉर्विट्ज़ (David Horvitz)

इन स्थलों पर बिएनाले के विभिन्न प्रदर्शनी, परफॉर्मेंस, इंस्टॉलेशन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो फोर्ट कोच्चि और मात्तनचेरी क्षेत्र को एक विशाल कला–नगर में परिवर्तित कर देते हैं।  बिएनाले में प्रवेश संबंधी जानकारी कोच्चि–मुज़िरिस बिएनाले की वेबसाइट पर उपलब्ध है https://www.kochimuzirisbiennale.org/ — कृपया वहाँ देखें। बिएनाले द्वारा दर्शकों के लिए भोजन या आवास की सुविधा प्रदान नहीं की जाती। इसकी व्यवस्था स्वयं करनी होगी। पूरे 14 स्थलों पर स्थित प्रदर्शनियों और कलात्मक प्रस्तुतियों को पूरी तरह देखने में लगभग 3 से 4 दिन का समय लग सकता है। विद्यार्थियों के लिए प्रवेश शुक्ल कम होता है। तमाम ज़रूरी जानकारी साझा किए गए वेबसाईट पर उपलब्ध है। इस वेबसाईट पर आमंत्रित कलाकारों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध है। 
कोच्चि–मुज़िरिस बिएनाले : एक सांस्कृतिक दृष्टिपात

2012 में शुरुआत के बाद से ही कोच्चि–मुज़िरिस बिएनाले भारत में समकालीन कला का सबसे अहम मंच बन गया है। आज यह दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी कला प्रदर्शनी मानी जाती है। यह आयोजन सिर्फ एक कला–महोत्सव नहीं, बल्कि केरल की उस उदार, बहुरंगी और विश्वनागरिक आत्मा का प्रतीक है, जो कभी मूज़िरिस नाम के प्राचीन बंदरगाह के रूप में दुनिया भर की संस्कृतियों, परंपराओं और व्यापारिक समुदायों को जोड़ती थी।

बीते कुछ वर्षों में इस बिएनाले को कई चुनौतियों से गुजरना पड़ा—कभी देरी, कभी संगठनात्मक बदलाव—लेकिन इसके बावजूद यह मंच लगातार कला, राजनीति और समाज के बीच जरूरी बातचीत को जन्म देता रहा है। यहाँ हर बार नए विचार सामने आते हैं और कलाकारों व समुदाय के बीच एक बेहद जीवंत रिश्ता बनता है।

अब 2025–26 का संस्करण, अपने नए क्यूरेटोरियल नेतृत्व के साथ, इस यात्रा को और मज़बूत और प्रेरक रूप में आगे बढ़ाने का वादा करता है। यह बिएनाले न केवल कोच्चि की वैश्विक सांस्कृतिक पहचान को और स्पष्ट करेगा, बल्कि शहर को लगातार चलने वाले कलात्मक संवाद, सामुदायिक जुड़ाव और सांस्कृतिक सोच–विचार के एक अहम केंद्र के रूप में भी स्थापित करेगा। समकालीन कला के किसी भी पक्ष में अगर आपकी दिलचस्पी है, तो कोच्चि–मुज़िरिस बिएनाले आपको बुला रहा है।

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