बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

21 मई 2024

‘किताबों के बीच मस्ती, रोमांच और बहुत कुछ नया सीखने का अवसर’

‘किताबों के बीच मस्ती, रोमांच और बहुत कुछ नया सीखने का अवसर’

सोमवार, 20 मई को वसंत कुंज स्थित नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के मुख्यालय में बच्चों के लिए समर कैंप की शुरुआत हुई। 20 मई से 3 जून तक आयोजित इस समर कैंप में भाग लेने के लिए एक हज़ार से अधिक ऑनलाइन आवेदन प

20 मई 2024

संगीत, प्यार और दर्द से बुना गया एक उपन्यास

संगीत, प्यार और दर्द से बुना गया एक उपन्यास

“इतने साल पहले मेरे साथ क्या हुआ था? मुझे प्यार मिले या न मिले, मैं उस शहर में बना नहीं रह सकता था। मैंने ठोकर खाई, मेरा दिमाग़ ठस हो गया, मुझे अपनी हर साँस बोझ लगने लगी। मैंने उससे कह दिया कि मैं जा

19 मई 2024

‘मसरूफ़ औरत’ के बारे में

‘मसरूफ़ औरत’ के बारे में

कला-साहित्य से जुड़ी दुनिया की बात करें तो हर युग में व्यक्तिगत स्तर पर सृजन करने वालों की तुलना में युग-निर्माताओं की तादाद हमेशा कम रही है। युग-निर्माताओं से मेरी मुराद ऐसे लोगों से है जिन्होंने के

18 मई 2024

सलमान रश्दी की नई किताब में चाक़ू की कुछ बातें

सलमान रश्दी की नई किताब में चाक़ू की कुछ बातें

उन सुनसान निद्राविहीन रातों में मैंने एक विचार के रूप में चाक़ू के बारे में बहुत सोचा। चाक़ू एक औज़ार था, और उसके प्रयोग से निकलता हुआ एक अर्जित अर्थ भी।  भाषा भी तो एक चाक़ू थी। यह दुनिया को चाक कर स

18 मई 2024

मोटरसाइकिलों का लोक वाया इन्फ़्लुएंसर

मोटरसाइकिलों का लोक वाया इन्फ़्लुएंसर

सोशल मीडिया के आला कर्मचारियों ने जब जनता के लिए रील्स फ़ॉर्मेट संभव किया, तब उन्हें मालूम न होगा कि लोक के गणराज में रील्स का क्या हाल होगा! उन्हें क़तई पता नहीं था कि इसी रील्स से सुदूर बाड़मेर के पत

17 मई 2024

सोडा, बन-मस्का और वाल्टर बेन्यामिन

सोडा, बन-मस्का और वाल्टर बेन्यामिन

सोडा और बन-मस्का  पुणे के कैंप इलाक़े में साशापीर रोड पर एक कम प्रचलित शरबतवाला चौक है। शरबत अरबी शब्द है, शराब भी इसी से निकला है। शरबतवाला चौक पर 1884 में फ़्लेवर्ड सोडा कंपनी की शुरुआत हुई। पुणे

16 मई 2024

एलिस मुनरो की कहानी से

एलिस मुनरो की कहानी से

मेरी माँ मेरे लिए एक पोशाक बना रही थी। पूरे नवंबर के महीने में जब मैं स्‍कूल से आती तो माँ को रसोईघर में ही पाती। वह कटे हुए लाल मख़मली कपड़ों और टिश्‍यू पेपर डिज़ाइन की कतरनों के बीच घिरी हुई नज़र आत

16 मई 2024

'उम्र हाथों से रेत की तरह फिसलती रहती है और अतीत का मोह है कि छूटता ही नहीं'

'उम्र हाथों से रेत की तरह फिसलती रहती है और अतीत का मोह है कि छूटता ही नहीं'

हिंदी की समादृत साहित्यकार मालती जोशी का बुधवार, 15 मई को 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वर्ष 2018 में साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। वह लगभग 70

15 मई 2024

जेएनयू क्लासरूम के क़िस्से-2

जेएनयू क्लासरूम के क़िस्से-2

जेएनयू क्लासरूम के क़िस्सों की यह दूसरी कड़ी है। पहली कड़ी में हमने प्रोफ़ेसर के नाम को यथावत् रखा था और छात्रों के नाम बदल दिए थे। इस कड़ी में प्रोफ़ेसर्स और छात्र दोनों पक्षों के नाम बदले हुए हैं। मैं पु

14 मई 2024

‘लापता लेडीज़’ देखते हुए

‘लापता लेडीज़’ देखते हुए

‘लापता लेडीज़’ देखते हुए मेरे अंदर संकेतों और प्रतीकों की पहचान करने वाली शख़्सियत को कुछ वैसा ही महसूस हुआ जो कोड्स की सूँघकर पहचान कर देने वाले कुत्तों में होती है। मुझे लगा कि इस फ़िल्म के ज़ाहिर किए

जश्न-ए-रेख़्ता (2023) उर्दू भाषा का सबसे बड़ा उत्सव।

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