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बेला

साहित्य और संस्कृति की घड़ी

02 सितम्बर 2024

‘हिमाचल के दुर्लभ कठार और पेछियों के ख़ाली पेट’

‘हिमाचल के दुर्लभ कठार और पेछियों के ख़ाली पेट’

हिमाचली गाँवों में एक समय था, जब पेछियों के पेट साल भरे-भरे रहते थे। उस समय जब कोई बच्चा ज़्यादा खाता था—तो उसे एक विशेषण से नवाज़ा जाता था कि इसका पेट तो पेछी है, जो कभी भरता ही नहीं। आज यह विशेषण भी

01 सितम्बर 2024

क्यों मिथिला की आत्मनिर्भर संस्कृति हो रही है छिन्न-भिन्न!

क्यों मिथिला की आत्मनिर्भर संस्कृति हो रही है छिन्न-भिन्न!

कहा जाता है ‘हमर मिथिला महान’ मतलब हमारा मिथिला महान! मिथिला का इतिहास काफ़ी समृद्ध रहा है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से यह बेहद महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है। इसका इतिहास वैदिक काल (1500-500 ई. पू.) से प

31 अगस्त 2024

लैला-मजनूँ : मुहब्बत की वह मंज़िल जहाँ पहुँचना आसान नहीं

लैला-मजनूँ : मुहब्बत की वह मंज़िल जहाँ पहुँचना आसान नहीं

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य समारोह आयोजित कर रहा है। यह समारोह एनएसडी रंगमंडल की स्थापना के साठ वर्ष पूरे होन

30 अगस्त 2024

क्या है यह ‘बंद गली का आख़िरी मकान’?

क्या है यह ‘बंद गली का आख़िरी मकान’?

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य समारोह आयोजित कर रहा है। यह समारोह एनएसडी रंगमंडल की स्थापना के साठ वर्ष पूरे होन

29 अगस्त 2024

इस संसार की सुंदरता स्त्रियों के कंधे पर ही है

इस संसार की सुंदरता स्त्रियों के कंधे पर ही है

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य समारोह आयोजित कर रहा है। यह समारोह एनएसडी रंगमंडल की स्थापना के साठ वर्ष पूरे होन

28 अगस्त 2024

राजेंद्र यादव का साहित्य लोग भूल जाएँगे, उन्हें नहीं

राजेंद्र यादव का साहित्य लोग भूल जाएँगे, उन्हें नहीं

उम्र के जिस पड़ाव पर ढेर सारे लोगों के आध्यात्मिक होते जाने के क़िस्से सुनाई देने लगते हैं, जीवन के उसी मक़ाम पर राजेंद्र यादव के प्रेम-संबंधों की अफ़वाहें लोग चटकारे लेकर एक-दूसरे से सुन-सुना रहे थे।

27 अगस्त 2024

‘समुद्र मंथन’ में नज़र आया चित्तरंजन त्रिपाठी का निर्देशकीय कौशल

‘समुद्र मंथन’ में नज़र आया चित्तरंजन त्रिपाठी का निर्देशकीय कौशल

नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama) 23 अगस्त से 9 सितंबर 2024 के बीच हीरक जयंती नाट्य समारोह आयोजित कर रहा है। यह समारोह एनएसडी रंगमंडल की स्थापना के साठ वर्ष पूरे होन

26 अगस्त 2024

‘कनुप्रिया’ की भूमिका

‘कनुप्रिया’ की भूमिका

धर्मवीर भारती रचित ‘कनुप्रिया’ नई कविता की विशिष्ट रचना है। इस रचना में ‘राधा’ की वेदना को नए रूप में प्रस्तुत किया गया है। ‘कनुप्रिया’ दो शब्दों—‘कनु’ और ‘प्रिया’ से मिलकर बना है। धर्मवीर भारती ने इ

25 अगस्त 2024

वेयर इज़ द फ़्रेंड्स हाउस? : जीवन की सबसे बड़ी सच्चाइयाँ सबसे सरल क्षणों में छिपी होती हैं

वेयर इज़ द फ़्रेंड्स हाउस? : जीवन की सबसे बड़ी सच्चाइयाँ सबसे सरल क्षणों में छिपी होती हैं

ईरानी सिनेमा के महान् शिल्पी अब्बास कियारोस्तमी एक ऐसे सिनेकार (जो चित्रकार बनना चाहते थे) थे, जिन्होंने फ़िल्म के कैनवास पर जीवन के रंगों को इस तरह बिखेरा, मानो कोई कवि अपने शब्दों से कविता रच रहा ह

24 अगस्त 2024

प्रेसिडेंसी कॉलेज की कुछ स्मृतियाँ

प्रेसिडेंसी कॉलेज की कुछ स्मृतियाँ

प्रथम दर्शन मैं कक्षा में कुछ देर से ही पहुँचा था। धीमे और सधे हुए स्वर में अध्यापक महाशय अपनी बात रख रहे थे। वह गेस्ट लेक्चरर के रूप में वहाँ आए थे। उन्हें देखकर लगा, हर बार की तरह इस बार भी कोई