बिंदुघाटी : कविताएँ अब ‘कुछ भी’ हो सकती हैं
यहाँ प्रस्तुत इन बिंदुओं को किसी गणना में न देखा जाए। न ही ये किसी उपदेश या वैशिष्ट्य-विधान के लिए प्रस्तुत हैं। ऐसे असंख्य बिंदु संसार में हर क्षण पैदा हो रहे हैं। उनमें से कम ही अवलोकन के वृत्त में
यहाँ प्रस्तुत इन बिंदुओं को किसी गणना में न देखा जाए। न ही ये किसी उपदेश या वैशिष्ट्य-विधान के लिए प्रस्तुत हैं। ऐसे असंख्य बिंदु संसार में हर क्षण पैदा हो रहे हैं। उनमें से कम ही अवलोकन के वृत्त में