साहित्य और संस्कृति की घड़ी
रविशंकर उपाध्याय स्मृति संस्थान ने युवा कवि रविशंकर उपाध्याय की स्मृति में प्रत्येक वर्ष दिए जाने वाले पुरस्कार—‘रविशंकर उपाध्याय स्मृति युवा कविता पुरस्कार 2025’ के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित की हैं।
19 अगस्त 2024
एक युग बीत जाने पर भी मेरी स्मृति से एक घटा भरी अश्रुमुखी सावनी पूर्णिमा की रेखाएँ नहीं मिट सकी हैं। उन रेखाओं के उजले रंग न जाने किस व्यथा से गीले हैं कि अब तक सूख भी नहीं पाए—उड़ना तो दूर की बात है
एक डॉ. सलमान अकेले अपनी केबिन में कुछ बड़बड़ा रहे थे। अँग्रेज़ी उनकी मादरी ज़बान न थी, बड़ी मुश्किल से अँग्रेज़ी लिखने का हुनर आया था। ऐक्सेंट तो अब भी अच्छा नहीं था, इसलिए अपने अँग्रेज़ीदाँ कलीग्स के बी
कवि जुमई ख़ाँ ‘आज़ाद’ (1930-2013) अवधी भाषा के अत्यंत लोकप्रिय कवि हैं। उनकी जन्मतिथि के अवसर पर जन संस्कृति मंच, गिरिडीह और ‘परिवर्तन’ पत्रिका के साझे प्रयत्न से जुमई ख़ाँ ‘आज़ाद’ स्मृति संवाद कार्य
श्रीनगर में पहली बार बहुत बड़े स्तर पर आयोजित होने वाले पुस्तक मेले ‘चिनार पुस्तक महोत्सव’ का शुभारंभ 17 अगस्त 2024 को होगा। नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) और ज़िला प्रशासन श्र
इन पंक्तियों के लेखक के एक प्राचीन आलेख (कभी-कभी लगता है कि गोविंदा भी कवि है) के शीर्षक की तरह ही यहाँ प्रस्तुत आलेख का शीर्षक भी बहुत बड़ा हो रहा था, इसलिए इसे किंचित संपादित करना पड़ा। दरअस्ल, पूरा
रात का एक अलग सौंदर्य होता है! एक अलग पहचान! रात में कविता बरसती है। रात की सुंदरता को जिसने कभी उपलब्ध नहीं किया, वह कभी कवि-कलाकार नहीं बन सकता—मेरे एक दोस्त ने मुझसे यह कहा था। उन्होंने मेरी तरफ़
मनोरमा थिएटर—मुंबई के आराम नगर में, एक अभिनय कार्यशाला (Acting Workshop) करने जा रही है। इस एक्टिंग वर्कशॉप की अवधि लगभग 30 दिनों की होगी। एक्टिंग स्किल्स पर फ़ोकस इस कार्यशाला के साथ-साथ, एक नाटक भी
तक्षशिला फणीश सिंह पुस्तक-वृत्ति 2024-25—बौद्धिक वर्ग के लिए महत्त्वपूर्ण सूचना है। गत वर्ष आरंभ हुई यह पुस्तक-वृत्ति अपने प्रथम संस्करण में अजय कुमार को प्राप्त हो चुकी है। अजय कुमार बाबासाहेब भीमरा
12 अगस्त 2024
रवींद्रनाथ ठाकुर के लिए कुछ लेखकों और चित्रकारों ने कविताएँ लिखी थीं। वे सारी कविताएँ और कुछ पत्र ‘द गोल्डन बुक ऑफ़ टैगोर’ में प्रकाशित की गई थीं। यह किताब 1931 में राममोहन पुस्तकालय, कलकत्ता से छपी
जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली
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