रूढ़ियों में झुलसती मजबूर स्त्रियाँ
पश्चिमी राजस्थान का नाम सुनते ही लोगों के ज़ेहन में बग़ैर पानी रहने वाले लोगों के जीवन का बिंब बनता होगा, लेकिन पानी केवल एक समस्या नहीं है; उसके अलावा भी समस्याएँ हैं, जो पानी के चलते हाशिए पर धकेल
धरती पर हज़ार चीज़ें थीं काली और ख़ूबसूरत
इक्कीसवीं सदी की हिंदी कविता की नई पीढ़ी का स्वर बहुआयामी और बहुकेंद्रीय सामाजिक सरोकारों से संबद्ध है। नई पीढ़ी के कवियों ने अपने समय, समाज और राजनीति के क्लीशे को अलग भाष्य दिया है। अनुपम सिंह की क