साहस पर बेला
साहस वह मानसिक बल या
गुण है, जिसके द्वारा मनुष्य यथेष्ट ऊर्जा या साधन के अभाव में भी भारी कार्य कर बैठता है अथवा विपत्तियों या कठिनाइयों का मुक़ाबला करने में सक्षम होता है। इस चयन में साहस को विषय बनाती कविताओं को शामिल किया गया है।
हे राम : दास्तान-ए-क़त्ल-ए-गांधी
जिससे उम्मीदें-ज़ीस्त थी बाँधी ले उड़ी उसको मौत की आँधी गालियाँ खाके गोलियाँ खाके मर गए उफ़्फ़! महात्मा गांधी! — रईस अमरोहवी एक दिल्ली में वह मावठ का दिन था। 30 जनवरी 1948 को दुपहर तीन बज
कारगिल विजय की शौर्यगाथा दर्शाती फ़ोटो प्रदर्शनी का शुभारंभ
26 जुलाई 2024 को—कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगाँठ है। इस अवसर पर देश भर में ‘कारगिल विजय रजत जयंती महोत्सव’ मनाया जा रहा है। भारत सरकार की इस पहल पर नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया और दिल्ली मेट्रो रेल कॉ
14 अप्रैल 2024
लोग क्यों पढ़ते हैं अंबेडकर को?
यह सन् 2000 की बात है। मैं साकेत कॉलेज, अयोध्या में स्नातक द्वितीय वर्ष का छात्र था। कॉलेज के बग़ल में ही रानोपाली रेलवे क्रॉसिंग के पास चाय की एक दुकान पर कुछ छात्र ‘क़स्बाई अंदाज़’ में आरक्षण को लेकर