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स्वप्न पर बेला

सुप्तावस्था के विभिन्न

चरणों में अनैच्छिक रूप से प्रकट होने वाले दृश्य, भाव और उत्तेजना को सामूहिक रूप से स्वप्न कहा जाता है। स्वप्न के प्रति मानव में एक आदिम जिज्ञासा रही है और विभिन्न संस्कृतियों ने अपनी अवधारणाएँ विकसित की हैं। प्रस्तुत चयन में स्वप्न को विषय बनाती कविताओं को शामिल किया गया है।

03 जून 2025

पत्र : अभिभावकों-सहयात्रियों-कला में विश्वास रखने वालों के नाम

पत्र : अभिभावकों-सहयात्रियों-कला में विश्वास रखने वालों के नाम

भोपाल   25 मई 2025 प्रिय अभिभावकों, सहयात्रियो और कला में विश्वास रखने वालों के प्रति... विहान ड्रामा वर्क्स : ‘स्वप्नयान—बाल नाट्य कार्यशाला’ में भाग लेने वाले सभी बच्चों के अभिभावकों को ढेर

30 मई 2025

एक कमरे का सपना

एक कमरे का सपना

एक कमरे का सपना देखते हुए हमें कितना कुछ छोड़ना पड़ता है! मेरी दादी अक्सर उदास मन से ये बातें कहा करती थीं। मैं तब छोटी थी। बच्चों के मन में कमरे की अवधारणा इतनी स्पष्ट नहीं होती। लेकिन फिर भी हर

02 जनवरी 2025

‘द लंचबॉक्स’ : अनिश्चित काल के लिए स्थगित इच्छाओं से भरा जीवन

‘द लंचबॉक्स’ : अनिश्चित काल के लिए स्थगित इच्छाओं से भरा जीवन

जीवन देर से शुरू होता है—शायद समय लगाकर उपजे शोक के गहरे कहीं बहुत नीचे धँसने के बाद। जब सुख सरसराहट के साथ गुज़र जाए तो बाद की रिक्तता दुख से ज़्यादा आवाज़ करती है। साल 2013 में आई फ़िल्म ‘द लंचब

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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