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स्वप्न पर उद्धरण

सुप्तावस्था के विभिन्न

चरणों में अनैच्छिक रूप से प्रकट होने वाले दृश्य, भाव और उत्तेजना को सामूहिक रूप से स्वप्न कहा जाता है। स्वप्न के प्रति मानव में एक आदिम जिज्ञासा रही है और विभिन्न संस्कृतियों ने अपनी अवधारणाएँ विकसित की हैं। प्रस्तुत चयन में स्वप्न को विषय बनाती कविताओं को शामिल किया गया है।

सपने कैसे मरते हैं, इस सच्चाई का पता लगाने के लिए, आपको सपने देखने वालों के शब्दों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

टोनी मॉरिसन

ईश्वर संसार को समझाने के लिए स्वप्न में देखा गया एक शब्द मात्र है।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर

उसने कहा, ‘वास्तविकता इतनी असहनीय हो गई है, इतनी धूमिल कि अब मैं केवल अपने सपनों के रंगों से ही अभिव्यक्त कर सकती हूँ।

अज़र नफ़ीसी

सपनों का एक समय में एक ही मालिक होता है। इसलिए सपने देखने वाले अकेले होते हैं।

विलियम फॉकनर

हर चीज़ को समझने की कोशिश करने से, हर चीज़ मुझे सपने दिखाने लगती है।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर

अपने सपनों को अंतरिक्ष में पतंग की तरह फेंक दो, और तुम नहीं जानते कि वह वापस क्या लाएगा— नया जीवन, नया दोस्त, नया प्यार, या कोई नया देश।

अनाइस नीन

…सपने देखना और देखते रहना। सपनों की दुनिया में प्रवेश करना और कभी बाहर नहीं आना।

हारुकी मुराकामी

मुझे निश्चित रूप से कुछ भी नहीं मालूम है। लेकिन तारों को देख मैं स्वप्न देखता हूँ।

विन्सेंट वॉन गॉग

अपना दिमाग़ खोलो। तुम क़ैदी नहीं हो। तुम सपनों के लिए आसमान खोजने वाले, उड़ान भरने वाले पक्षी हो।

हारुकी मुराकामी

विचार सबसे बड़ा सुख है—ख़ुशी स्वयं केवल कल्पना है—क्या आपने कभी अपने सपनों से अधिक किसी चीज़ का आनंद लिया है?

गुस्ताव फ़्लॉबेयर
  • संबंधित विषय : सुख

मैं सपना देखता हूँ। कभी-कभी मुझे लगता है कि यही एकमात्र सही काम है।

हारुकी मुराकामी

वे तमाम चीज़ें जिन्हें हम भूल जाते हैं, सपनों में मदद के लिए चिल्लाती हैं।

एलायस कनेटी

लखनऊ विचारकों का नहीं—स्वप्न-द्रष्टाओं का नगर है।

श्रीलाल शुक्ल

आप कभी भी इतने बूढ़े नहीं होते हैं कि कोई और लक्ष्य निर्धारित कर सकें या कोई नया सपना देख पाएँ।

सी. एस. लुईस

स्त्रियों को सोए हुए सपनों को पूरा करने के लिए साहस जुटाना है।

एलिस वॉकर

सपने कार्य की सच्चाई का भाग हो जाते हैं। कार्यों से फिर से सपने उपजते हैं, और यह परस्पर निर्भरता जीवन के उच्चतम रूप का निर्माण करती है।

अनाइस नीन

मैं अपने चित्रों को स्वप्न में देखता हूँ और अपने स्वप्नों के चित्र बनाता हूँ।

विन्सेंट वॉन गॉग

सपनों में खोए रहना और जीना भूल जाना अच्छी बात नहीं है।

जे. के. रोलिंग

मैं अपने सपनों में रहता हूँ—यही आप महसूस करते हैं। और लोग सपनों में जीते हैं, लेकिन अपने सपनों में नहीं। यही अंतर है।

हरमन हेस

जीवन के लिए सपने ज़रूरी हैं।

अनाइस नीन

सामने मौजूद चीज़ पर सम्मोहित होकर उसके सपने में गुम हो जाओ।

जैक केरुआक

कल्पना की छलाँग लगाए बिना या सपने के बिना, हम संभावनाओं के उत्साह को खो देते हैं। आख़िरकार सपने देखना योजना बनाना ही है।

ग्लोरिया स्टाइनम

मैं इस ग्रह पर अपना पूरा जीवन ऐसे बिताने के बारे में नहीं सोच सकती जिसमें मैं उन सभी कामों को इसलिए कर सकूँ (जिनका सपना देखती हूँ) क्योंकि उन्हें करने की अनुमति नहीं है।

डेबोरा फ़ेल्डमैन

आपको अपना स्वप्न ज़रूर तलाश करना चाहिए… मगर कोई भी स्वप्न सदा के लिए नहीं रहता। हर सपने के बाद दूसरा सपना आता है, और आदमी को किसी विशेष सपने से ही चिपटे नहीं रहना चाहिए।

हरमन हेस

बोलने से बेहतर चुप रहना, चुप रहने से बेहतर स्वप्न देखना, स्वप्न देखने और सोचने से बेहतर है पढ़ना। जब हम पढ़ते हैं, चुप्पी स्वतः शांत हो जाती है, और हम किसी के संग सोच या स्वप्न देख सकते हैं।

हुआन रामोन हिमेनेज़

नींद में आदमी जो सपना देखता है, उसे वह सही मानता है। जब उसकी नींद खुलती है तभी उसे अपनी ग़लती मालूम होती है। ऐसी ही दशा सभ्यता के मोह में फँसे हुए आदमी की होती है।

महात्मा गांधी

हम ऐसी सामग्री से बने हैं, जिसके स्वप्न बने होते हैं और हमारे लघु जीवन का अंत निद्रा से होता है।

विलियम शेक्सपियर

अगर मेरे दिमाग़ को बंधन में नहीं रखा जा सकता है, अगर मेरे सपनों को कम नहीं किया जा सकता है; तब किसी भी प्रकार का प्रतिबंध वास्तव में मेरे चुपचाप आत्मसमर्पण को निश्चित नहीं कर सकता है।

डेबोरा फ़ेल्डमैन

अमेरिकी स्वप्न में 'छोटा' कुछ नहीं हो सकता। यानी जो छोटा है उसे 'छोटा' कहा नहीं जा सकता। अगर आप चूहा-दौड़ में भी हैं, तो संसार की सबसे बड़ी चूहा-दौड़ में हैं, अगर बौने हैं तो भी विराट बौने हैं।

अज्ञेय

स्वप्न के समान सारहीन तथा सबके द्वारा उपभोग्य कामसुख से अपने चंचल मन को रोको, क्योंकि जैसे वायु प्रेरित अग्नि की हव्य पदार्थों से तृप्ति नहीं होती, वैसे ही लोगों को कामोपभोग से कभी तृप्ति नहीं होती।

अश्वघोष

मनुष्य तभी प्रतिभाशाली होगा, जब वह सपने देखेगा।

अकीरा कुरोसावा

लोग हमेशा की तरह सपने देखते, लड़ते और सोते रहे… और आदतन उन्होंने अपने विचारों को छोटा कर लिया, ताकि वे कल के बाद अँधेरे में भटकें।

कार्सन मैक्कुलर्स

लेखक स्वभाव से सपने देखने वाला होता है—सचेत सपने देखने वाला।

कार्सन मैक्कुलर्स

जागृति का जो विस्मरण है वही स्वप्नसृष्टि का विस्तार है। वस्तु से विमुख जो अहंकार है वही त्रिगुणात्मक संसार है।

संत एकनाथ

ऊँची कला कोशिश करने पर भी अपने को नीति और उद्देश्य के संसर्ग से बचा नहीं सकती, क्योंकि नीति और लक्ष्य जीवन के प्रहरी हैं और कला जीवन का अनुकरण किए बिना जी नहीं सकती।

रामधारी सिंह दिनकर

आत्मशुद्धि के बिना अहिंसा-धर्म का पालन थोथा स्वप्न ही रहेगा।

महात्मा गांधी

गांधी, बुद्ध, अशोक नाम हैं बड़े दिव्य सपनों के, भारत स्वयं मनुष्य जाति की बहुत बड़ी कविता है।

रामधारी सिंह दिनकर

मुक्त वायु में सुप्त शिशिर अपने सस्मित अधरों पर वसंत का स्वप्न देखता है।

सैम्युअल टेलर कॉलरिज

दो सपनों की कहानी एक संयोग है, संयोग से खिंची गई एक रेखा, जैसे बादलों में बनती हैं घोड़े और शेर की आकृतियाँ।

होर्खे लुइस बोर्खेस

मुझे निश्चित रूप से कुछ भी नहीं मालूम है। लेकिन तारों को देख मैं स्वप्न देखता हूँ।

विन्सेंट वॉन गॉग

कभी-कभार मेरी कल्पना में ऐसी जगहें आती हैं जो दरअसल कहीं नहीं हैं या जिनके होने की सिर्फ़ संभावना है।

मंगलेश डबराल

अगर इस दुनिया को ईश्वर का ख़्वाब समझ लिए जाए तो ईश्वर से अपेक्षा कम हो जाए, हमदर्दी ज़्यादा।

कृष्ण बलदेव वैद

संस्मरणों से किसी जगह को जानना उसे स्वप्न में जानने की तरह है जिसे हम जागने के कुछ देर बाद भूल जाते हैं या सिर्फ़ उसका मिटता हुआ स्वाद बचा रहता है।

मंगलेश डबराल

स्वप्नों में डरो मत और स्वप्न कहकर कभी उनकी उपेक्षा मत करना, क्योंकि ऐसा कोई भी सत्य नहीं है, जिसका जन्म कभी कभी स्वप्न की भाँति हुआ हो।

ओशो
  • संबंधित विषय : डर
    और 1 अन्य

महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति का सारतत्त्व ही एक स्वप्न की छाया मात्र है।

विलियम शेक्सपियर

अहिंसात्मक युद्ध में अगर थोड़े भी मर मिटने वाले लड़ाके होंगे तो वे करोड़ों की लाज रखेंगे और उनमें प्राण फूकेंगे। अगर यह मेरा स्वप्न है, तो भी मेरे लिए मधुर है।

महात्मा गांधी

बीता हुआ कल आज की स्मृति है और आने वाला कल आज का स्वप्न।

ख़लील जिब्रान

बुख़ार की दुनिया भी बहुत अजीब है। वह यथार्थ से शुरू होती है और सीधे स्वप्न में चली जाती है।

मंगलेश डबराल
  • संबंधित विषय : रोग

आज के स्वप्न ही कल के सत्य बन जाते है।

ओशो
  • संबंधित विषय : सच

स्वप्न ही अनंत सागर में जाने का साहस देते है।

ओशो