अकेलापन पर उद्धरण
‘अकेलापन’ अँग्रेज़ी भाषा
के शब्द ‘लोनलीनेस’ और ‘सॉलीट्यूड’ दोनों के अभिप्राय को प्रकट करता है। यह ‘लोनलीनेस’ के अभिप्राय में मन की एकांतिक नकारात्मक मनोदशा और ‘सॉलीट्यूड’ के अभिप्राय में मन की एकांतिक आध्यात्मिक मनोदशा को प्रकट करता है। दोनों मनोदशाएँ काव्य और कला-सृजन की उत्प्रेरक मानी जाती हैं।
मुक्ति अकेले में अकेले की नहीं हो सकती। मुक्ति अकेले में अकेले को नहीं मिलती।
प्रेम अकेले होने का एक ढंग है।
हिंदी अगर एक छोटी-सी भाषा होती, लोग उसे प्रेम और मनुष्यता के साथ बरतते तो उसका लेखक इतना अकेला नहीं होता।
अकेलेपन में भी कुछ है जो नितांत आकर्षक है, सर्वथा सुखकर है लेकिन अफ़सोस कि उसे पा सकना अकेले के बस का नहीं।
परिश्रम और प्रतिभा आप-ही-आप आदमी को अकेला बना देती है।
किसी एक व्यक्ति से उसके एकांत में कोई ईमानदार बात सुनने की आशा भी करो तो अकेला नहीं मिलता है।