Font by Mehr Nastaliq Web

एकांत पर उद्धरण

एकांत का सामान्य अर्थ

शांत, सूना और शोरगुल-रहित स्थान है। मन के आंतरिक जगत का एकांत आध्यात्मिक अर्थ देता है। इस अर्थ में एकांत कविता और कला का एक अनुकूल पारितंत्र भी रचता है। एकाग्रचित्त, समर्पित, ध्याननिष्ठ के अर्थ में भाषा इसका प्रयोग करती रही है। कुछ प्रयोजनों में एकांत एकाकीपन का पर्याय हो उठता है।

अकेले बैठना, चुप बैठना—इस प्रश्न की चिंता से मुक्त होकर बैठना कि ‘क्या सोच रहे हो?’—यह भी एक सुख है।

अज्ञेय

प्रेम अकेले होने का एक ढंग है।

श्रीकांत वर्मा

कविता एकांत देती है।

अशोक वाजपेयी

अंत में जब तुम चलते हो, तो तुम एकांत कि तलाश में होते हो और अगर एकांत तुम्हारे पास नहीं आता तो तुमको उसकी ओर जाना चाहिए।

एल्फ्रीडे येलिनेक

अपने एकाँत से एक अपनापन स्थापित करो, और उससे प्रेम करो। सहना सीखो उस पीड़ा को जो उस एकाँत से उपजती है, उसके साथ गुनगुनाओ। क्योंकी जो तुम्हारे समीप हैं, वे तुमसे बहुत दूर हैं।

रेनर मारिया रिल्के

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए