कविता पर उद्धरण

कवि को लिखने के लिए कोरी स्लेट कभी नहीं मिलती है। जो स्लेट उसे मिलती है, उस पर पहले से बहुत कुछ लिखा होता है। वह सिर्फ़ बीच की ख़ाली जगह को भरता है। इस भरने की प्रक्रिया में ही रचना की संभावना छिपी हुई है।

केदारनाथ सिंह

हम हर दिशा से कविताओं से घिरे हुए हैं।

विन्सेंट वॉन गॉग

विषम समयों में कविता की चुप्पी भी एक चीत्कार की तरह ध्वनित होती रही है। यह चुप्पी केवल कविता की चुप्पी नहीं, एक सामाजिक चेतना की घुटन भरी चीख़ है।

कुँवर नारायण

कविता के क्षेत्र में केवल एक आर्य-सत्य है : दुःख है। शेष तीन राजनीति के भीतर आते हैं।

विजय देव नारायण साही

विश्व-बाज़ार विश्व-समाज की नई गतिविधि है और उसमें बहुत कुछ ऐसा हो सकता है जिससे नए ढंग की कविता जन्म ले।

केदारनाथ सिंह

मनुष्य मात्र को इतिहास और राजनीति नहीं एक कविता चाहिए।

श्रीनरेश मेहता

कवि वस्तु-स्वभाव के अधीन नहीं है।

गंगानाथ झा
  • संबंधित विषय : कवि

कविता के रंग चित्रकला के प्रकृति-रंग नहीं होते।

राजकमल चौधरी

मेरी कविता की इच्छा और मेरी कविता की शब्दावली, मेरी अपनी इच्छा और मेरी अपनी शब्दावली है।

राजकमल चौधरी

ये काफ़ी है कि अगर मैं किसी चीज़ का धनी हूँ तो वह उलझनें हैं, की निश्चिन्त्ताएं।

होर्खे लुई बोर्खेस

मैं ऐसा नहीं मानता कि विश्व-बाज़ार कविता को निगल जाएगा और कविता हमेशा के लिए अपना प्रभाव खो देगी।

केदारनाथ सिंह

कविता का एक मतलब यह भी है कि आप आज तक और अब तक कितना आदमी हो सके।

धूमिल

काव्य में वस्तुओं के गुण या दोष कवि की उक्ति पर ही निर्भर करता है।

गंगानाथ झा
  • संबंधित विषय : कवि

सूरज नहीं चाँद तारे संगीत चित्र भी नहीं कविता से भी सुंदर लगता है मनुष्य।

नवीन सागर

कविता तो एक जीवन को तोड़कर सकल जीवन बनाती है। और जीवन टूटता है, वह कवि का है।

त्रिलोचन
  • संबंधित विषय : कवि

कविता आदमी को मार देती है। और जिसमें आदमी बच गया है, वह अच्छा कवि नहीं है।

धूमिल
  • संबंधित विषय : कवि

जिस किताब में अच्छी कविता होती है, उसके पास दीमकें नहीं फटकतीं।

सिद्धेश्वर सिंह

जिस प्रकार अनेक रंगों में हँसती हुई फूलों की वाटिका को देखकर दृष्टि सहसा आनंद-चकित रह जाती है, उसी प्रकार जब काव्य-चेतना का सौंदर्य हृदय में प्रस्फुटित होने लगता है, तो मन उल्लास से भर जाता है।

सुमित्रानंदन पंत

कितना अच्छा होता कि जिस संख्या में कवियों के संग्रह छपे बताए जाते हैं, लगभग उतनी ही संख्या में उन्होंने कविताएँ भी लिखी होतीं।

सिद्धेश्वर सिंह

कविता भाषा का शिल्पित रूप है, कच्चा रूप नहीं।

अशोक वाजपेयी

वह लिखो, जिसे तुम जानते हो।

मार्क ट्वेन

भाषा के पर्यावरण में कविता की मौजूदगी का तर्क जीवन-सापेक्ष है : उसके प्रेमी और प्रशंसक हमेशा रहेंगे—बहुत ज़्यादा नहीं, लेकिन बहुत समर्पित!

कुँवर नारायण

यदि मन में शिथिलता, श्रांति या शून्यता हो तो काव्यानुशीलन करना चाहिए।

त्रिलोचन

कविता एकांत देती है।

अशोक वाजपेयी

कविता विचारहीन नहीं हो सकती, परंतु विचारात्मक प्रतिबद्धता को मैं कविता के लिए अनिवार्य नहीं मानता।

केदारनाथ सिंह

मुझे अपनी कविताओं से भय होता है, जैसे मुझे घर जाते हुए भय होता है।

मंगलेश डबराल
  • संबंधित विषय : डर

अच्छा कवि बहुत ज़िद्दी होता है और कविता लिखते समय अपने विवेक और शक्ति के अलावा किसी और को नहीं मानता।

विष्णु खरे
  • संबंधित विषय : कवि

कभी भी व्यक्तिगत दुखबोध की कविता एक अच्छी कविता का मानदंड नहीं हो सकती, वही कविता प्रामाणिक होगी जिसके सरोकार राष्ट्रीय दुखों से जुड़े होंगे।

श्रीकांत वर्मा

कविता की असली शर्त आदमी होना है।

धूमिल

कविता को राजनीति में नहीं घुसना चाहिए। क्योंकि इससे कविता का तो कुछ नहीं बिगड़ेगा, राजनीति के अनिष्ट की संभावना है।

विजय देव नारायण साही

कविता भाषा का भाषा में स्वराज है।

अशोक वाजपेयी

अपनी एक मूर्ति बनाता हूँ और ढहाता हूँ और आप कहते है कि कविता की है।

रघुवीर सहाय

कविता अगर बनती जाएगी तो कवि नष्ट होता जाएगा।

त्रिलोचन
  • संबंधित विषय : कवि

पूर्व-धारणाओं से काव्यार्थ-बोध में प्रायः बाधा उपस्थित होती है।

त्रिलोचन

भाषा के भीतर कविता की भाषा की अतिगामी प्रकृति कविता की भाषा को ज्ञान की भाषा से अलग करती है।

केदारनाथ सिंह

आज की कविता, बल्कि किसी भी कविता, को सोचने-समझने के लिए पाठकों को अपनी ओर से भी बहुत-कुछ जोड़ना पड़ता है।

कुँवर नारायण

कविता के लिए मनुष्य की पक्षधरता के अतिरिक्त मैं किसी अन्य पक्षधरता को आवश्यक नहीं मानता।

केदारनाथ सिंह

कविता राग है। राग माया है। माया और अध्यात्म में वैर है। अतः आध्यात्मिक कविता असंभव है।

विजय देव नारायण साही

कविता में सामाजिक अनुभूति काव्य-पक्ष के अंतर्गत ही महत्त्वपूर्ण हो सकती है।

शमशेर बहादुर सिंह

कवि अपनी विचारधारा को बिना कलात्मक रूप दिए अवाम पर कोई भरपूर प्रभाव नहीं डाल सकता।

ऋतुराज
  • संबंधित विषय : कवि

कविता क्रांति ले आएगी, ऐसी ख़ुशफ़हमी मैंने कभी नहीं पाली, क्योंकि क्रांति एक संगठित प्रयास का परिणाम होती है, जो कविता के दायरे के बाहर की चीज़ है।

केदारनाथ सिंह

कविता केवल उसी दिन निरस्त हो सकती है, जिस दिन किसी विस्फोटक से मानव-मन से भाषा को उड़ा दिया जाएगा।

केदारनाथ सिंह

…जो कविता का विकास होता है, वो रचना की अपनी शर्तों पर होता है।

शमशेर बहादुर सिंह

अगर कविता एक ‘सामाजिक कार्य’ है (जो कि वह है) तो फिर उसका राजनीतिक-सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों से जुड़ना अनिवार्य ही है।

वेणु गोपाल

विचार, अनुभूति और संवेदना—सबका संबंध शब्द से होता है और कविता शब्द है। शब्द—जो कवि के लिए सबसे रहस्यमय वस्तु है।

केदारनाथ सिंह

परोक्ति का अपहरण कवि को ‘अकवि’ बना देता है। इससे यह सर्वथा त्याज्य है।

गंगानाथ झा
  • संबंधित विषय : कवि

किसी भी काव्य का अध्ययन करने से पहले आत्म-परीक्षा कर लेनी चाहिए।

त्रिलोचन

जो लोग कविता से निरी कलात्मकता की अपेक्षा करते हैं, वे कविता के वस्तु-सत्य को गौण रखना चाहते हैं।

ऋतुराज
  • संबंधित विषय : सच

काव्य करने के पहले कवि का कर्त्तव्य है—उपयोगी विद्या तथा उपविद्याओं का अनुशीलन करना।

गंगानाथ झा
  • संबंधित विषय : कवि

कविता लिखना कोई बड़ा काम नहीं, मगर बटन लगाना भी बड़ा काम नहीं। हाँ, उसके बिना पैंट-क़मीज़ बेकार होते हैं।

गोरख पांडेय

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