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धन पर उद्धरण

"धन" का अर्थ है "सम्पत्ति"

या "मूल्यवान वस्तुएँ"। यह शब्द मुख्य रूप से किसी व्यक्ति के पास मौजूद संपत्ति, पैसा, या वित्तीय साधनों को दर्शाने के लिए प्रयोग होता है।

उद्योग ही धन-संपत्ति का मूल कारण है और उद्योगी होना अनर्थों का कारण है।

चाणक्य

धन, जीवन, स्त्री और भोजन के विषय में सब प्राणी अतृप्त होकर गए, जाते हैं और जाएँगे।

चाणक्य

प्रभुत्व और धन के बल पर कौन-कौन से अपराध नहीं हो रहे हैं?

जयशंकर प्रसाद

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