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खाना पर उद्धरण

खाना और पढ़ना दो सुख हैं जो अद्भुत रूप से समान हैं।

सी. एस. लुईस

धन के बिना संसार व्यर्थ है परंतु अत्यधिक धन भी व्यर्थ है, जैसे अन्न के बिना तन नहीं रहता, परंतु अत्यधिक भोजन करने से प्राण चले जाते हैं।

दयाराम

पिंड खजूर से अरुचि उत्पन्न हुए व्यक्ति को इमली की इच्छा होती है।

कालिदास

बिना जूठा किए कौन खा सकता है?

भास

अतः अपनी शक्ति को देखते हुए भोजन करना चाहिए मान के वश होकर भी बहुत अधिक और बहुत कम ही खाना चाहिए।

अश्वघोष

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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