Font by Mehr Nastaliq Web

पुनर्जन्म पर कविताएँ

भारतीय धार्मिक-सांस्कृतिक

अवधारणा में पुनर्जन्म मृत्यु के बाद पुनः नए शरीर को धारण करते हुए जन्म लेना है। यह अवधारणा अनिवार्य रूप से भारतीय काव्य-रूपों में अभिव्यक्ति पाती रही है। प्रस्तुत चयन उन कविताओं का संकलन करता है, जिनमें इस अवधारणा को आधार लेकर विविध प्रसंगों की अभिव्यक्ति हुई है।

उनतीस नवंबर

नवीन सागर

इस बार

नाज़िश अंसारी

पूर्वजन्म

राजेंद्र धोड़पकर

पुनर्जन्म

निखिल आनंद गिरि

पुनर्जन्म

वीरू सोनकर

अगर मिली ज़िंदगी

रमाशंकर सिंह

सात जन्म

रमाशंकर सिंह

यही जीवन

कुलदीप कुमार

पुनर्जन्म

प्रियंकर पालीवाल

जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

टिकट ख़रीदिए