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पुनर्जन्म पर कविताएँ

भारतीय धार्मिक-सांस्कृतिक

अवधारणा में पुनर्जन्म मृत्यु के बाद पुनः नए शरीर को धारण करते हुए जन्म लेना है। यह अवधारणा अनिवार्य रूप से भारतीय काव्य-रूपों में अभिव्यक्ति पाती रही है। प्रस्तुत चयन उन कविताओं का संकलन करता है, जिनमें इस अवधारणा को आधार लेकर विविध प्रसंगों की अभिव्यक्ति हुई है।

उनतीस नवंबर

नवीन सागर

इस बार

नाज़िश अंसारी

पुनर्जन्म

यानिस रित्सोस

पूर्वजन्म

राजेंद्र धोड़पकर

जन्म

बेबी शॉ

पुनर्जन्म

वीरू सोनकर

पुनर्जन्म

निखिल आनंद गिरि

मृतक-संस्कार

टी. एस. एलियट

अंत में

वास्को पोपा

जयंती

रेने शार

अगर मिली ज़िंदगी

रमाशंकर सिंह

सात जन्म

रमाशंकर सिंह

यही जीवन

कुलदीप कुमार

पुनर्जन्म

प्रियंकर पालीवाल

हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

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