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ईश्वर पर उद्धरण

ईश्वर मानवीय कल्पना

या स्मृति का अद्वितीय प्रतिबिंबन है। वह मानव के सुख-दुःख की कथाओं का नायक भी रहा है और अवलंब भी। संकल्पनाओं के लोकतंत्रीकरण के साथ मानव और ईश्वर के संबंध बदले हैं तो ईश्वर से मानव के संबंध और संवाद में भी अंतर आया है। आदिम प्रार्थनाओं से समकालीन कविताओं तक ईश्वर और मानव की इस सहयात्रा की प्रगति को देखा जा सकता है।

प्रत्येक सर्जक या विधाता, जीवन के चाहे जिस क्षेत्र की बात हो—‘विद्रोही’ और ‘स्वीकारवादी’ दोनों साथ ही साथ होता है।

कुबेरनाथ राय

नए मनुष्य को नीत्शे के मुख से यह सुनकर बड़ी ख़ुशी हुई थी कि ईश्वर की मृत्यु हो गई। किन्तु यह रहस्य अब खुला है कि ईश्वर की मृत्यु; ईश्वर की मृत्यु नहीं थी, उन मूल्यों की मृत्यु थी—जो मनुष्य और ईश्वर के बीच सेतु बनाये हुए थे।

रामधारी सिंह दिनकर

ख़ुदा बस इतना ही करता है कि देखता रहता है हमें, और मार देता है—जब हम उबाऊ हो जाते हैं। हमको कभी भी, हो सके तो हर समय, उबाऊ होने से बचना चाहिए।

चक पैलनिक

ईश्वर इतना दूर है कि कोई भी उसके बारे में कुछ नहीं कह सकता है और यही कारण है कि ईश्वर के बारे में सभी विचार ग़लत हैं और साथ ही वह इतना क़रीब है कि हम उसे देख ही नहीं सकते, क्योंकि वह व्यक्ति में आधार या रसातल है। आप इसे जो चाहें कह सकते हैं।

यून फ़ुस्से

ईश्वर संसार को समझाने के लिए स्वप्न में देखा गया एक शब्द मात्र है।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर

मुझे लगता है कि व्यक्ति ईश्वर से आता है और ईश्वर के पास वापस जाता है, क्योंकि शरीर की कल्पना की जाती है और जन्म होता है, यह बढ़ता है और घटता है, यह मर जाता है और ग़ायब हो जाता है; लेकिन जीवात्मा शरीर और आत्मा का मेल है, जिस तरह एक अच्छी तस्वीर में आकार और विचार का अदृश्य संगम होता है।

यून फ़ुस्से

अगर एक स्त्री अकेली सोती है तो यह सभी पुरुषों के लिए शर्मनाक है। ईश्वर के पास बड़ा दिल है, लेकिन एक ऐसा भी पाप है जिसे वह माफ़ नहीं करता : अगर एक स्त्री किसी पुरुष को बिस्तर पर बुलाती है और वह नहीं जाता।

निकोस कज़ानज़ाकिस

लेखक को अपनी पुस्तक में ब्रह्मांड में ईश्वर की तरह होना चाहिए, जो हर जगह मौजूद है और कहीं भी दिखाई नहीं देता है।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर

विभिन्न धर्म अलग-अलग भाषाएँ हैं, जिनमें प्रत्येक की अपनी सच्चाई हो सकती है और सच्चाई की कमी हो सकती है और ऐसा सोचना मूर्खतापूर्ण है कि ईश्वर किसी प्रकार से परिभाषित है, जिसके बारे में आप कुछ भी कह सकते हैं।

यून फ़ुस्से

हर आदमी भगवान की छवि में बना है, भले ही उसमें इसे भूलने की प्रवृत्ति हो।

अमोस ओज़

हर किसी के अंदर एक गहरी लालसा होती है। हम हमेशा किसी किसी चीज़ के लिए लालायित रहते हैं और हम मानते हैं कि हम जिस चीज़ के लिए लालायित रहते हैं वह यह या वह है, यह व्यक्ति या वह व्यक्ति, यह चीज़ या वह चीज़ है; लेकिन वास्तव में हम ईश्वर के लिए लालायित रहते हैं, क्योंकि मनुष्य सतत प्रार्थना है। व्यक्ति अपनी लालसा के माध्यम से एक प्रार्थना है।

यून फ़ुस्से

धर्म कुछ संकुचित संप्रदाय नहीं है, केवल बाह्याचार नहीं है। विशाल, व्यापक धर्म है ईश्वरत्व के विषय में हमारी अचल श्रद्धा, पुनर्जन्म में अविरल श्रद्धा, सत्य और अहिंसा में हमारी संपूर्ण श्रद्धा।

महात्मा गांधी

ये तीन दुर्लभ हैं और ईश्वर के अनुग्रह से ही प्राप्त होते हैं—मनुष्य जन्म, मोक्ष की इच्छा और महापुरुषों की संगति।

आदि शंकराचार्य

अपने देश के प्रति मेरा जो प्रेम है, उसके कुछ अंश में मैं अपने जन्म के गाँव को प्यार करता हूँ। और मैं अपने देश को प्यार करता हूँ पृथ्वी— जो सारी की सारी मेरा देश है—के प्रति अपने प्रेम के एक अंश में। और मैं पृथ्वी को प्यार करता हूँ अपने सर्वस्व से, क्योंकि वह मानवता का, ईश्वर का, प्रत्यक्ष आत्मा का निवास-स्थान है।

खलील जिब्रान

मैं सब धर्मो को सच मानता हूँ। मगर ऐसा एक भी धर्म नहीं है जो संपूर्णता का दावा कर सके। क्योंकि धर्म तो हमें मनुष्य जैसी अपूर्ण सत्ता द्वारा मिलता है, अकेला ईश्वर ही संपूर्ण है। अतएव हिंदू होने के कारण अपने लिए हिंदू धर्म को सर्वश्रेष्ठ मानते हुए भी मैं यह नहीं कह सकता कि हिंदू धर्म सबके लिए सर्वश्रेष्ठ है; और इस बात को तो स्वप्न में भी आशा नहीं रखता कि सारी दुनिया हिंदू धर्म को अपनाए। आपकी भी यदि अपने ग़ैर-ईसाई भाइयों की सेवा करनी है तो आप उनकी सेवा करनी है तो आप उनकी सेवा उन्हें ईसाई बनाकर नहीं, बल्कि उनके धर्म की त्रुटियों को दूर करने में और उसे शुद्ध बनाने में उनकी सहायता करके भी कर सकते हैं।

महात्मा गांधी

भगवान में विश्वास करने से इनकार करने में बहुत गर्व शामिल है।

ओरहान पामुक

मैं उसके साथ छह महीने रहा। उस दिन से—ईश्वर मेरा साक्षी है!—मुझे किसी चीज़ से डरने की ज़रूरत नहीं पड़ी। सिवाय एक चीज़ के कि शैतान या भगवान, उन छह महीनों की स्मृति मेरे मन से मिटा देगा।

निकोस कज़ानज़ाकिस

ईश्वर और कल्पना एक ही हैं।

वॉलेस स्टीवंस

ईश्वर अपना रूप पल-पल बदलता रहता है। ख़ुशक़िस्मत हैं वे जो उसे उसके तमाम रूपों में भी चीन्ह सकते हैं।

निकोस कज़ानज़ाकिस

जब कोई नए ईश्वर की रचना करता है; तो समझ लेना चाहिए कि ईश्वर के रूप में मनुष्य, अपनी एक नई मूर्ति गढ़ रहा है।

नामवर सिंह

ऐसा नहीं है कि हमें संदेह है कि भगवान हमारे लिए सबसे अच्छा करेंगे, हम सोच रहे हैं कि सबसे अच्छा कितना दर्दनाक होगा।

सी. एस. लुईस

मैं स्वर्ग के पार उड़ गया और भगवान को काम करते हुए देखा। मैंने पवित्र कष्ट सही।

हरमन हेस

हम ईश्वर से दो स्तरों पर विलगित हैं—‘पतन’ हमें उससे अलग करता है और ‘जीवन-वृक्ष’ उसे हमसे।

फ्रांत्स काफ़्का

ईश्वर विवरण में है।

गुस्ताव फ़्लॉबेयर

आप परमेश्वर से तब तक प्रेम नहीं करते हैं, जब तक आप किसी व्यक्ति से पूरी तरह प्रेम नहीं करते हैं।

सी. एस. लुईस

ईश्वर नहीं, बल्कि उसमें विश्वास मायने रखता है।

वॉलेस स्टीवंस

ईसाई यह नहीं सोचता है कि परमेश्वर हमसे इसलिए प्रेम करेगा क्योंकि हम अच्छे हैं, लेकिन यह सोचता है कि परमेश्वर हमें इसलिए अच्छा बनाएगा; क्योंकि वह हमसे प्रेम करता है।

सी. एस. लुईस

अगर कोई ईश्वर है, तो वह हमारे भीतर है।

ब्रूस ली

प्यारे भगवान, मुझे थोड़ी देर, थोड़ी और देर तक शापित बने रहने दो।

विलियम फॉकनर

वस्तुतः स्त्रियों को अपने इष्ट व्यक्ति (प्रियतम) के प्रवास से उत्पन्न दुःख अत्यंत असह्य होते हैं।

कालिदास

ईसाई होने का मतलब अक्षम्य को क्षमा कईसाई होने का मतलब अक्षम्य को क्षमा करना है, क्योंकि भगवान ने आपमें अक्षम्य को क्षमा कर दिया है।

सी. एस. लुईस

ईश्वर, मैं तुमसे नफ़रत करता हूँ। मैं तुमसे इस तरह नफ़रत करता हूँ, मानो तुम सच में मौजूद हो।

ग्राहम ग्रीन

यदि कोई ईश्वर पर पूरा भरोसा कर सकता है तो दूसरों के मन (की सत्ता) पर क्यों नहीं?

लुडविग विट्गेन्स्टाइन

मुझे चर्च में जो भी भगवान मिला, मैं उसे अंदर ले आई।

एलिस वॉकर

बुरे लोगों को सज़ा देना ईश्वर का काम है, हमें माफ़ करना सीखना चाहिए।

एमिली ब्रॉण्टे

हम ईश्वर की उपस्थिति को अनदेखा कर सकते हैं, लेकिन कहीं भी उनसे बच नहीं सकते हैं। वह दुनिया में हमेशा विद्यमान हैं। वह हर जगह गुप्त रूप से चलते हैं।

सी. एस. लुईस

ईश्वर केवल उन लोगों को छोड़ देता है जो ख़ुद को छोड़ देते हैं, और जो भी अपने दुख को अपने दिल के भीतर बंद रखने की हिम्मत रखता है, वह उससे लड़ने में—शिकायत करने वाले व्यक्ति से अधिक मज़बूत होता है।

जॉर्ज सैंड

सब धर्म ईश्वर की देन हैं, परंतु उनमें मानव की अपूर्णता की पुट है, क्योंकि वे मनुष्य की बुद्धि और भाषा के माध्यम से गुज़रते हैं।

महात्मा गांधी

हिटलर पर भी ग़ुस्सा करना उचित नहीं है, ईश्वर पर तो और भी कम।

लुडविग विट्गेन्स्टाइन

भगवान के लिए प्यार तब शुद्ध है, जब ख़ुशी और पीड़ा समान कृतज्ञता के लिए प्रेरित करती हैं

सिमोन वेल

ईश्वर मुझमें है, वरना ईश्वर मुझमें है, वरना बिल्कुल नहीं है। बिल्कुल नहीं है।

वॉलेस स्टीवंस

किसी को जानने के बाद उसके बारे में कहने के लिए कुछ भी नहीं बचता। जो लोग ईश्वर को नहीं जानते, वे ईश्वर के बारे में सबसे ज़्यादा बातें करते हैं।

रघुवीर चौधरी

सारा धन भगवान का है और यह जिन लोगों के हाथ में है, वे उसके रक्षक हैं, स्वामी नहीं।

श्री अरविंद
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भगवान कितना अधिक दुःख-कष्ट मनुष्य को देते हैं, तब उसे सच्ची मानवता तक पहुँचा देते हैं।

शरत चंद्र चट्टोपाध्याय

(परमेश्वर के स्वरूप के) ध्यान की अपेक्षा कर्मफल का त्याग श्रेष्ठ है।

वेदव्यास

सृष्टिकर्ता के जिस निराकार आदर्श की हम कल्पना करते हैं, उसके साथ सृष्ट वस्तुएँ अगर एक होकर मिल जाएँ तो प्रलय हो जाएगी।

अवनीन्द्रनाथ ठाकुर

दानव हो या मानव, मुनि हो या भोले-भाले शंकर, भी सुरलोक की सुंदरियों को कटाक्ष-शृंखला से वह बंध ही जाएगा।

बाणभट्ट

भविष्य परमेश्वर के हाथ में है, सरकार के हाथ में नहीं है।

महात्मा गांधी

ज्ञान की अपेक्षा (परमेश्वर के स्वरूप का) ध्यान श्रेष्ठ है।

वेदव्यास

ईश्वर की कृपा की भयावह विचित्रता की कल्पना तुम कर सकते हो, और ही मैं।

ग्राहम ग्रीन