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प्रार्थना पर उद्धरण

प्रार्थना प्रायः ईश्वर

के प्रति व्यक्त स्तुति या उससे याचना का उपक्रम है। इस चयन में प्रस्तुत है—प्रार्थना के भाव में रचित कविताओं का एक अनूठा संकलन।

हर किसी के अंदर एक गहरी लालसा होती है। हम हमेशा किसी किसी चीज़ के लिए लालायित रहते हैं और हम मानते हैं कि हम जिस चीज़ के लिए लालायित रहते हैं वह यह या वह है, यह व्यक्ति या वह व्यक्ति, यह चीज़ या वह चीज़ है; लेकिन वास्तव में हम ईश्वर के लिए लालायित रहते हैं, क्योंकि मनुष्य सतत प्रार्थना है। व्यक्ति अपनी लालसा के माध्यम से एक प्रार्थना है।

यून फ़ुस्से

अपराधी की पूजा तो केवल वध है।

भास

करुणा, करुणा, करुणा। मैं नए साल के लिए प्रार्थना करना चाहती हूँ, संकल्प नहीं। मैं साहस के लिए प्रार्थना कर रही हूँ।

सूज़न सॉन्‍टैग

आसान जीवन के लिए प्रार्थना करें, कठिन जीवन को सहने की शक्ति के लिए प्रार्थना करें।

ब्रूस ली

प्यार कोई विजय जुलूस नहीं है। यह बेपरवाह है और टूटी हुई प्रार्थना है।

लियोनार्ड कोहेन

मैंने कभी कुछ ज़्यादा तो नहीं, पर भगवान से एक प्रार्थना तो की है : हे भगवान, मेरे दुश्मनों को हास्यास्पद बना दो। और भगवान ने इसे मंज़ूर कर लिया।

वाल्तेयर

सर्वथा शुद्ध ध्यान प्रार्थना है।

सिमोन वेल

हम अपने बारे में इतना कम और इतना अधिक जानते हैं कि प्रेम ही बचता है प्रार्थना की राख में।

नवीन सागर

एक औरत बहुत सुंदर हो तो उससे प्रणय-याचना करनी चाहिए।

स्वदेश दीपक

प्रार्थना अपनी लाचारी के इक़बाल का दूसरा नाम।

कृष्ण बलदेव वैद

जो सर्वज्ञ है, राग आदि दोषों को जीत चुका है, त्रिलोक में पूजित है, वस्तुएँ जैसी हैं उन्हें वैसी ही कहता है, वही परमेश्वर अर्हत् देव है।

हेमचंद्र