
जो लोग ख़ुशी की तलाश में घूमते हैं, वे अगर एक क्षण रुकें और सोचें तो वे यह समझ जाएँगे कि सचमुच ख़ुशियों की संख्या, पाँव के नीचे के दूर्वादलों की तरह अनगिनत है; या कहिए कि सुबह के फूलों पर पड़ी हुई शुभ्र चमकदार ओस की बूँदों की तरह अनंत है।

सवेरे में अर्थ होता है, शाम में महसूस करना।

मृत्यु का अर्थ रौशनी को बुझाना नहीं; सिर्फ़ दीपक को दूर रखना है क्यूंकि सवेरा हो चुका है।

हर दिन का ब्योरा रखो, अपनी सुबह की तारीख़ को उम्मीद के रंग से भरो।