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फूल पर उद्धरण

अमेरिकी कवि एमर्सन ने

फूलों को धरती की हँसी कहा है। प्रस्तुत चयन में फूलों और उनके खिलने-गिरने के रूपकों में व्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।

दुनिया में नाम कमाने के लिए कभी कोई फूल नहीं खिलता है।

गजानन माधव मुक्तिबोध

चूँकि दुनिया मौत और आतंक से भरी हुई है, मैं बार-बार अपने दिल को सांत्वना देने की कोशिश करता हूँ और उन फूलों को चुनता हूँ जो नर्क में उगते हैं।

हरमन हेस

किंवदंती के अनुसार जब ईसा पैदा हुए तो आकाश में सूर्य नाच उठा। पुराने झाड़-झंखाड़ सीधे हो गए और उनमें कोपलें निकल आईं। वे एक बार फिर फूलों से लद गए और उनसे निकलने वाली सुगंध चारों ओर फैल गई। प्रति नए वर्ष में जब हमारे अंतर में शिशु ईसा जन्म लेता है, उस समय हमारे भीतर होने वाले परिवर्तनों के ये प्रतीक हैं। बड़े दिनों की धूप से अभिसिक्त हमारे स्वभाव, जो कदाचित् बहुत दिनों से कोंपलविहीन थे, नया स्नेह, नई दया, नई कृपा और नई करुणा प्रगट करते हैं। जिस प्रकार ईसा का जन्म ईसाइयत का प्रारंभ था, उसी प्रकार बड़े दिन का स्वार्थहीन आनंद उस भावना का प्रारंभ है, जो आने वाले वर्ष को संचालित करेगी।

हेलेन केलर

जो लोग ख़ुशी की तलाश में घूमते हैं, वे अगर एक क्षण रुकें और सोचें तो वे यह समझ जाएँगे कि सचमुच ख़ुशियों की संख्या, पाँव के नीचे के दूर्वादलों की तरह अनगिनत है; या कहिए कि सुबह के फूलों पर पड़ी हुई शुभ्र चमकदार ओस की बूँदों की तरह अनंत है।

हेलेन केलर

फूल हमेशा चुपचाप सूखते हैं।

स्वदेश दीपक

मेरी क्षीण होती काया से फूल उगेंगे और मैं उनमें ही एक फूल होऊँगा और यह शाश्वत सत्य है।

एडवर्ड मुंक
  • संबंधित विषय : सच

तितलियाँ वे फूल ही हैं जो किसी धूप वाले दिन उड़ गए, जब प्रकृति स्वयं को सबसे अधिक आविष्कारशील और उपजाऊ महसूस कर रही थी।

जॉर्ज सैंड

…फूल की प्रकृति खिलना है।

एलिस वॉकर

‘सामान्यता’ एक पक्की सड़क है : इस पर चलना तो आरामदायक है, पर इस पर कोई फूल नहीं उगता।

विन्सेंट वॉन गॉग

टेनिसन ने एक बार कहा था कि अगर हम एक फूल को भी समझ सकें, हम यह जान सकेंगे कि हम कौन हैं और यह विश्व क्या है। शायद वह यह कहना चाहते थे कि ऐसा कोई तथ्य नहीं है, चाहे कितना ही महत्त्वहीन क्यों हो, जो ख़ुद में ब्रह्मांडीय इतिहास समेटे हो और कारण प्रभाव की अंतहीन कड़ियाँ जोड़ता हो। शायद वह यह कहना चाहते हों कि दृश्य विश्व सारे लक्षणों में अंतर्निहित है, जैसा कि शोपेनहावर कहते हैं कि इच्छा सारी विषयवस्तु में अंतर्निहित है।

होर्खे लुई बोर्खेस

फूलों को तोड़कर गुलदान में सजाने वाले शायद ही कभी किसी बीज का अंकुरण देख पाते होंगे।

सिद्धेश्वर सिंह

ज़िंदगी को फूलों से तोलकर, फूलों से मापकर फेंक देने में कितना सुख है।

धर्मवीर भारती

फूल को शक्ति के संसार में धकेलकर प्रवेश करने वाली संस्कृति का एक चिह्न गुलाब का फूल है। इस धक्के में जिस फूल को चोट आई है वह गेंदा है।

रघुवीर सहाय

तुम सभी फूलों को काट दो लेकिन वसंत कर रहेगा।

पाब्लो नेरूदा

उनके लिए फूल हमेशा मौजूद होते हैं, जो उन्हें देखना चाहते हैं।

हेनरी मातीस

जो कली एक बार पुष्प रूप में स्फुरित हो जाती है वह सदा को मुरझा जाती है।

उमर ख़य्याम