फूल पर उद्धरण
अमेरिकी कवि एमर्सन ने
फूलों को धरती की हँसी कहा है। प्रस्तुत चयन में फूलों और उनके खिलने-गिरने के रूपकों में व्यक्त कविताओं का संकलन किया गया है।
दुनिया में नाम कमाने के लिए कभी कोई फूल नहीं खिलता है।
फूल हमेशा चुपचाप सूखते हैं।
फूलों को तोड़कर गुलदान में सजाने वाले शायद ही कभी किसी बीज का अंकुरण देख पाते होंगे।
ज़िंदगी को फूलों से तोलकर, फूलों से मापकर फेंक देने में कितना सुख है।
फूल को शक्ति के संसार में धकेलकर प्रवेश करने वाली संस्कृति का एक चिह्न गुलाब का फूल है। इस धक्के में जिस फूल को चोट आई है वह गेंदा है।
उनके लिए फूल हमेशा मौजूद होते हैं, जो उन्हें देखना चाहते हैं।