जो जीवन में दूसरों के प्रति न अपने अधिकार मानता है, न कर्तव्य, वह पशु है।
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जीवन का आदर्श साँचे में ढाला पुरजा नहीं है, वृक्ष पर खिला पुष्प है। वह बटन दबाते ही खिंच जाने वाला फ़ोटो नहीं, ब्रश और उँगलियों की कारीगरी से धीरे-धीरे बनने वाला चित्र है।
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परिश्रम ही हर सफलता की कुंजी है और वही प्रतिभा का पिता है।
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जीवन का सच्चा पथ यह नहीं है कि जो हमें प्राप्त नहीं है, उसके लिए हम रोते रहें। जीवन का सच्चा पथ यह है कि यत्न या योग से जो हमने पा लिया उसे पहिचानें, उसे अपने अनुकूल बनाएँ, उसमें रस लें और संतोष का सुख पाएँ।
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मृत्यु के संबंध में मनुष्य के ज्ञान कोष का सर्वोतम रत्न यही है कि अधिक से अधिक जीने का पुरुषार्थ करे, पर उसे मनुष्य की तरह मरने का जब भी अवसर मिले, चूके नहीं।
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