
किसी दूसरे देश की आत्मा को जानने का सबसे अच्छा तरीक़ा उसका साहित्य पढ़ना है।

समग्रता में भाषा, रूपक की सतत प्रक्रिया है। अर्थ-मीमांसा का इतिहास, संस्कृति के इतिहास का एक पहलू है। भाषा एक ही समय में एक जीवित वस्तु, जीवन और सभ्यताओं के जीवाश्मों का संग्रहालय है।

उपन्यास भावनाओं को साँचा देते हैं, समय का ऐसा अनुमान देते हैं जिसे औपचारिक इतिहास नहीं दे सकता।

शब्दों, लेखन और पुस्तकों के बिना न कोई इतिहास होगा और न ही मानवता की कोई अवधारणा होगी।

इतिहास ने जिन स्त्री-पुरुषों को मानवता की सेवा का अवसर देकर समादृत किया है, उनमें से अधिकांश को विपरीत परिस्थितियों का अनुभव हुआ है।

हम इतिहास के बीचोबीच पैदा हुए हैं, यार! न लक्ष्य, न ठिकाना। कोई युद्ध नहीं हमारे सामने। न कोई मंदी। हमारे सारे युद्ध अंदरूनी हैं, आध्यात्मिक हैं। हमारे लिए महान मंदी हमारा जीवन ही है। हम सबके बचपन टेलीविज़न देखते गुज़रे हैं—इस यक़ीन के साथ कि एक रोज़ हम भी भी लखपति होंगे, सिने-स्टार होंगे, रॉकस्टार होंगे; लेकिन नहीं होंगे हम। और धीरे-धीरे खुल रही है यह बात हमारे सामने। और हम नाराज़ हैं इस पर, बेहद नाराज़ हैं।

आप यादों को छुपा सकते हैं, लेकिन आप उस इतिहास को मिटा नहीं सकते जिसने उन्हें पैदा किया था।

व्यक्ति इतिहास में फँसे हुए हैं और इतिहास व्यक्तियों में फँसा हुआ है।

अमेरिकी इतिहास उससे कहीं अधिक लंबा, विशाल, विविध, सुंदर और भयानक है; जैसा कि लोगों ने इसके बारे में कभी कहा है।

दुनिया के इतिहास का पूरा हिस्सा अक्सर मुझे कुछ नहीं लगता बल्कि एक चित्र पुस्तक जो मानवता की सबसे शक्तिशाली और बेतुकी इच्छा को दर्शाती है—भूलने की इच्छा।

टेनिसन ने एक बार कहा था कि अगर हम एक फूल को भी समझ सकें, हम यह जान सकेंगे कि हम कौन हैं और यह विश्व क्या है। शायद वह यह कहना चाहते थे कि ऐसा कोई तथ्य नहीं है, चाहे कितना ही महत्त्वहीन क्यों न हो, जो ख़ुद में ब्रह्मांडीय इतिहास न समेटे हो और कारण व प्रभाव की अंतहीन कड़ियाँ न जोड़ता हो। शायद वह यह कहना चाहते हों कि दृश्य विश्व सारे लक्षणों में अंतर्निहित है, जैसा कि शोपेनहावर कहते हैं कि इच्छा सारी विषयवस्तु में अंतर्निहित है।

सारा इतिहास वर्तमान है, सभी अन्याय किसी न किसी स्तर पर, दुनिया में कहीं न कहीं जारी रहते हैं।

मनुष्य हर विवेक से ऊपर है—एक चेतना, जो प्रकृति का नहीं बल्कि इतिहास का उत्पाद है।

आदमी अकेला भी बहुत कुछ कर सकता है। अकेले आदमियों ने ही आदि से विचारों में क्रांति पैदा की है। अकेले आदमियों के कृत्यों से सारा इतिहास भरा पड़ा है।

कलाकार, ज्ञात इतिहास में हमेशा ही वेश्याओं के पास जाते रहे हैं, और वे इससे अधिक बुरे नहीं हो सकते; अपने अध्ययन से वह इतना तो जानता ही है। असल में, कलाकार और वेश्याएँ सामाजिक युद्ध में हमेशा समान पक्ष में खड़े पाए जाते हैं।

संभव है कि ब्रह्मांड का इतिहास कुछ चुनिंदा रूपकों का इतिहास हो।

धर्म एक आंतरिक रूपांतरण है, एक आध्यात्मिक परिवर्तन है, हमारे अपने स्वभाव के विसंवादी स्वरों सामंजस्य लाने की क्रिया है—और उसका यह रूप इतिहास के आरंभ से ही मिलता आया है, यही उसका मूल स्वरूप है।

एक रमणीय स्त्री का सारा इतिहास प्रेम का इतिहास होता है।

मनुष्य मात्र को इतिहास और राजनीति नहीं एक कविता चाहिए।



मैं कहूँगा और फिर कहूँगा। समय कहेगा और संसार कहेगा। इतिहास कहेगा और कहानियाँ कहेंगी। मुझे मार डालो, इससे आप लोगों की अपकीर्ति का प्रवाद रुकेगा नहीं।

समय या इतिहास में लौटना एक सैद्धांतिक संभावना तो है ही और समर्थ रचनाकारों के हाथों में यह एक सशक्त हथियार रहा है।

इतिहास, रात में एक पुराने मकान सरीखा है, जिसकी सारी बत्तियाँ रोशन हों और अंदर पुर्खे फुसफुसा रहे हों। इतिहास को समझने के लिए हमें अंदर जाकर यह सुनना होगा कि वे क्या कह रहे हैं। और किताबों और दीवार पर टंगी तस्वीरों को देखना होगा। और गंध सैंधनी होगी। मगर हम भीतर नहीं जा सकते क्योंकि दरवाज़े हमारे लिए बंद हैं। और जब हम खिड़कियों से भीतर झाँकते हैं, हमें सिर्फ़ परछाइयों दिखाई देती हैं। और जब हम सुनने की कोशिश करते हैं, हमें सिर्फ़ फुसफुसाहटें सुनाई देती हैं। और हम फुसफुसाहटों को समझ नहीं पाते क्योंकि हमारे दिमाग़ों में एक युद्ध छिड़ा हुआ है। एक युद्ध जिसे हमने जीता भी है और हारा भी है। सबसे ख़राब क़िस्म का युद्ध। ऐसा युद्ध जो सपनों को बंदी बनाता है और उन्हें फिर से सपनाता है। ऐसा युद्ध जिसने हमें अपने विजेताओं की पूजा करने और अपना तिरस्कार करने पर मजबूर किया है।

अगर एक राष्ट्र अपने अतीत का सामना नहीं कर सकता तो उसका कोई भविष्य नहीं है।

मैं नहीं चाहता कि अगली पीढ़ी भी वही लड़ाइयाँ लड़े जो मैंने लड़ी।

जिसे मानवता के इतिहास का एहसास नहीं है, उसे मानवता के वर्तमान और भावी संकटों का एहसास भी नहीं हो सकता।

जोश की आवाज़, तर्क की आवाज़ से बेहतर है। जिन लोगों में जोश न हो वे इतिहास नहीं बदल सकते।

इतिहास सिखाता है लेकिन उससे शिक्षा कोई नहीं लेता।

इतिहास में एक बुरे सपने की क्रूर वास्तविकता है, और मनुष्य की महानता उस बुरे सपने के वास्तविक तत्वों से सुंदर और स्थायी कृतियाँ बनाने में है।

इतिहास अलग-अलग बरसों या क्षणों का नाम नहीं है बल्कि इतिहास नाम है समय की आत्मकथा का।