

जब ताक़तवर लोग इतने कमज़ोर थे कि वे कमज़ोर को नुक़सान नहीं पहुँचा सकते थे, तब कमज़ोर व्यक्तियों को इतना मज़बूत होना चाहिए था कि वे चले जाते।

आदमी अकेला भी बहुत कुछ कर सकता है। अकेले आदमियों ने ही आदि से विचारों में क्रांति पैदा की है। अकेले आदमियों के कृत्यों से सारा इतिहास भरा पड़ा है।

यदि तेरी पुकार सुनकर कोई न आए तो तू अकेला ही चल।

समय बीतने पर उपार्जित विद्या नष्ट हो जाती है, मज़बूत जड़ वाले वृक्ष भी गिर पड़ते हैं, जल भी सरोवर में जाकर (गर्मी आने पर) सूख जाता है। किंतु हुत (हवनादि किया हुआ पदार्थ) या सत्पात्त को दिए दान का पुण्य ज्यों का त्यों बना रहता है।

दुर्बलतम शरीरों में अहंकार प्रबलतम होता है।

भीष्म समाप्त हो गए, द्रोण मारे गए, कर्ण का भी नाश हो गया। अब पांडवों को शल्य जीत लेगा ऐसी आशा है। हे राजन्! आशा बड़ी बलवती होती है।


जो बुद्धि में बली होते हैं, वे ही बलिष्ठ माने जाते हैं, जिनमें केवल शारीरिक बल होता है, वे वास्तव में बलवान नहीं समझे जाते।

बहुत दिन हो जाने से मंसूर का क़िस्सा पुराना पड़ गया है, मैं सूली पर चढ़कर उसे फिर ताज़ा कर रहा हूँ, दार और रसन का जलवा फिर चमक कर दिखाता हूँ।


वह जो हमारी जान नहीं ले लेता, हमें और मज़बूत बनाता है।

बहुतेरे अधिक शक्तिशाली शत्रु नाना प्रकार के उपायों और कुटनीति के प्रयोगों द्वारा वध्य होते हैं।
