
हे निशाचर! जो लोक-विरोधी कठोर कर्म करने वाला है, उसे सब लोग सामने आए हुए दुष्ट सर्प की भाँति मारते हैं।

क्रांति आम जनता और व्यक्ति से शक्ति के संचय तथा संधान की माँग करती है।
हे निशाचर! जो लोक-विरोधी कठोर कर्म करने वाला है, उसे सब लोग सामने आए हुए दुष्ट सर्प की भाँति मारते हैं।
क्रांति आम जनता और व्यक्ति से शक्ति के संचय तथा संधान की माँग करती है।