
लोग समझदार हो गए हैं, इसलिए अविरोध की साधना में लग गए हैं।

अविरोध की साधना उन्हें सुहाती है जिनमें अतिरिक्त स्वार्थ-सजगता होती है।

मनुष्य की विकास यात्रा जब कभी अवरुद्ध हुई है, कारण उसका बेहया मन रहा है।

लोग समझदार हो गए हैं, इसलिए अविरोध की साधना में लग गए हैं।
अविरोध की साधना उन्हें सुहाती है जिनमें अतिरिक्त स्वार्थ-सजगता होती है।
मनुष्य की विकास यात्रा जब कभी अवरुद्ध हुई है, कारण उसका बेहया मन रहा है।