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उदारता पर उद्धरण

महापुरुषों में ही इस तरह उदारता की अधिकता होती है जो अन्य लोगों में नहीं होतीं और जिससे वे त्रिभुवन को अपने वश में कर लेते हैं।

बाणभट्ट

सर्वत्र उदारता से काम नहीं करना चहिए।

भास

उदार जन का सेवक भी उदार ही होता है।

भास