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शांति पर उद्धरण

शांति ईमानदारी से नहीं मिलती, या मिलती है तो हर एक को नहीं।

कृष्ण बलदेव वैद

शांति के लिए ‘स्वाहा’ उच्चारण के साथ दी गई एक आहुति संपूर्ण सृष्टि के लिए कितनी मांगलिक होती है, इसे कभी मानवेतर सृष्टि में पैठ कर कोई देखे, तभी समझा जा सकता है।

श्री नरेश मेहता

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