हत्या पर उद्धरण
हत्या किसी का प्राण
हर लेने का हिंसक कृत्य है। नीति और विधान में इसे दंडनीय अपराध माना गया है। इस चयन में हत्या और हत्यारे को विषय बनाती अभिव्यक्तियों को शामिल किया गया है।
एकमात्र साक्षी जो होगा वह जल्दी ही मार दिया जाएगा।
हत्या की संस्कृति में प्रेम नहीं होता है।
सावधान, अपनी हत्या का उसे एकमात्र साक्षी मत बनने दो।