हत्या पर उद्धरण
हत्या किसी का प्राण
हर लेने का हिंसक कृत्य है। नीति और विधान में इसे दंडनीय अपराध माना गया है। इस चयन में हत्या और हत्यारे को विषय बनाती अभिव्यक्तियों को शामिल किया गया है।

सच्चाई अक्सर आक्रामकता का एक भयानक हथियार होता है। सच के साथ झूठ बोलना और यहाँ तक कि हत्या करना भी संभव है।

युद्ध हमारे भाइयों के ख़िलाफ़ संगठित हत्या और यातना है।

एकमात्र साक्षी जो होगा वह जल्दी ही मार दिया जाएगा।

हत्यारों को क्षमा करके दया हत्या ही करती है।

हत्या करना इतना आसान नहीं है, जितना कि भले लोग मानते हैं।

हत्या की संस्कृति में प्रेम नहीं होता है।


सावधान, अपनी हत्या का उसे एकमात्र साक्षी मत बनने दो।