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झूठ पर कविताएँ

झूठ मिथ्या या असत्य

वचन है। इसे सत्य का छद्म या भ्रम भी कहा जाता है। यहाँ झूठ शब्द-केंद्र पर परिधि पारती कविताओं का एक चयन प्रस्तुत है।

वस्तुओं का न्याय

कुमार अम्बुज

झूठ बोलती लड़कियाँ

ज्योति चावला

मिथ्याचार

तिरुवल्लुवर

तय करना होगा

संजय शांडिल्य

कविता

नीरज नीर

त्रास

अनादि सूफ़ी

नई संस्कृति

दूधनाथ सिंह

पते की बात

अतुलवीर अरोड़ा

वे मुझसे झूठ बोलते हैं

राजकुमार कुंभज

सफ़ेद झूठ

प्रियंका यादव

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