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झूठ पर कवितांश

झूठ मिथ्या या असत्य

वचन है। इसे सत्य का छद्म या भ्रम भी कहा जाता है। यहाँ झूठ शब्द-केंद्र पर परिधि पारती कविताओं का एक चयन प्रस्तुत है।

कई झूठ बोलने में

समर्थ दुष्ट के नीच वचन ही

स्त्री के सतीत्व को तोड़ने वाली

सेना होगी

तिरुवल्लुवर

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