सौंदर्य पर उद्धरण

सौंदर्य सुंदर होने की

अवस्था या भाव है, जो आनंद और संतोष की अनुभूति प्रदान करता है। सौंदर्य के मानक देश, काल, विषय और प्रसंग में बदलते रहते हैं। प्रस्तुत चयन में उन कविताओं को शामिल किया गया है; जिनमें सुंदरता शब्द, भाव और प्रसंग में प्रमुखता से उपस्थित है।

औरत जब लड़की में बदल जाए तो बिल्कुल चुप रहो। थक जाए, चुप हो जाए, तो मर्दों का बनाया सबसे झूठा वाक्य बोलो, आप तो ग़ुस्से में और सुंदर हो जाती हैं।

स्वदेश दीपक

सवाल यह नहीं कि सुंदर कौन है। सवाल यह है कि हम सुंदर किसे मानते हैं।

गोरख पांडेय

एक रमणीय स्त्री का सारा इतिहास प्रेम का इतिहास होता है।

स्वदेश दीपक

जिस प्रकार अनेक रंगों में हँसती हुई फूलों की वाटिका को देखकर दृष्टि सहसा आनंद-चकित रह जाती है, उसी प्रकार जब काव्य-चेतना का सौंदर्य हृदय में प्रस्फुटित होने लगता है, तो मन उल्लास से भर जाता है।

सुमित्रानंदन पंत

सूरज नहीं चाँद तारे संगीत चित्र भी नहीं कविता से भी सुंदर लगता है मनुष्य।

नवीन सागर

सुंदर औरत नादिरशाही होती है। एक-एक करके सब कुछ लूटती है।

स्वदेश दीपक

सुंदरता! कितना बड़ा कारण है—हम बचेंगे अगर!

नवीन सागर

औरत एक छोटा-सा सुख तो देती है, लेकिन दुख बहुत लंबा देती है। प्रभुजी का बनाया विनाशकारी जीव। उसका घातक सौंदर्य पहले हमें बाँध लेता है, फिर सर्वनाश कर देता है।

स्वदेश दीपक

एक औरत बहुत सुंदर हो तो उससे प्रणय-याचना करनी चाहिए।

स्वदेश दीपक

किसी भी प्रकार की संकीर्णता काव्य-सौंदर्य को अपहित कर लेती है।

त्रिलोचन

एक बहुत ख़ूबसूरत औरत निर्दयी शक्तियों की मल्लिका होती है।

स्वदेश दीपक

कभी ऐसा दिन भी होता है और ऐसी ऋतु जब आकाश पर सुबह तक चाँद एक वाटरमार्क की तरह उपस्थित रहता है और दूसरी तरफ़ सूर्योदय भी हो रहा होता है। मेरे जीवन का प्रारंभ कुछ ऐसा ही था।

ज्ञानरंजन

सौंदर्य से आँखें पराई हो जाती हैं और तब प्राप्ति-लालसा बढ़ जाती है।

स्वदेश दीपक
  • संबंधित विषय : आँख

सुंदर औरत कभी सलाह नहीं माँगती, बर्बाद करती है, नहीं तो हो जाती है।

स्वदेश दीपक

सुंदर हमेशा भयावह होता है।

स्वदेश दीपक

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